हैलो फ्रेंड्स, मैं एक अपनी सेक्स स्टोरी लिख रही हूँ. ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी के बेटे और उसकी बीवी की है.
मैं ऋतु पिछले साल अपनी मौसी के घर घूमने गई थी. चूंकि मैं कहीं भी नहीं जाती हूँ तो मम्मी ने कहा कि तुम अपनी मौसी के घर घूम आओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मम्मी ने मौसी को फोन किया और दो दिन बाद मेरी मौसी का बेटा मुझे लेने आ गया.
मैं उसे देखने लगी और उससे बात करने लगी. उसकी शादी को दो साल हो गए थे वो अब पहले से काफी बदल गया था. उसकी शादी में मम्मी गई थीं, मैं नहीं गई थी.
उसने मुझसे पहले तो इसी बात को लेकर उलाहना देते हुए कहा कि तुम शादी में क्यों नहीं आई थीं. फिर यूं ही बात होने लगी और वो मुझसे पूछने लगा कि कैसी हो ऋतु और तेरी पढ़ाई वगैरह कैसी चल रही है.
मैंने भी कहा- हाँ मैं ठीक हूँ और पढ़ाई की अभी कोई बात मत करो प्लीज़; अभी मुझे छुट्टियां एन्जॉय करने दो. तुम बताओ कि भाबी कैसी हैं और मौसी कैसी हैं.
मैं भी कितनी बुद्धू हूँ, मैंने अपने बारे में तो बताया ही नहीं कि मैं कैसी हूँ क्योंकि मुझे मालूम है कि अन्तर्वासना पर मेरी जवानी को जब तक आप लोग नहीं जानेंगे, आपका लंड ही खड़ा नहीं होगा और कहानी पढ़ने का मजा भी नहीं आएगा. तो मेरे प्यारे दोस्तो, मैं अब 20 साल की जवान माल हो गई हूँ. मेरा साइज़ 34सी-30-32 का है.
मेरी मौसी के बेटे का नाम वीरू है. उसकी उम्र 28 साल की है और भाबी का नाम पिंकी है, उनकी उम्र 24 साल की है.
मैं और वीरू भैया अगले दिन उनकी कार से उनके घर के लिए चल दिए. उन्होंने रास्ते में मुझे बहुत सारी खाने की चीजें दिलाईं और हम 3 घंटे के बाद मौसी के घर पहुँच गए.
मौसी ने मुझे गले लगाया और भाबी ने भी गले लगाया. मुझे सब लोगों ने बहुत प्यार दिया और मेरी खातिरदारी शुरू हो गई. भाबी मेरे लिए कोल्डड्रिंक बिस्किट नमकीन और ना जाने बहुत सी चीजें लेकर आ गईं.
मैं बोली- मेरे को इतना क्यों खिला रही हो भाबी… मैं इतना नहीं खाती हूँ.
हम सब बैठ गए और आपस में बातें करने लगे.
मौसी ने मम्मी के बारे में पूछा, मैंने भी बताया कि सब ठीक हैं.
मैंने बड़े शिकायत वाले अंदाज में कहा कि मौसी और भाबी आप लोग हमारे घर पर क्यों नहीं आते हो?
तो मौसी हंस कर बोलीं कि अबकी बार चलूंगी.
फिर सब अपने अपने अपने काम में लग गए. मुझे मौसी वाले कमरे में सोना था भैया भाबी का कमरा साइड वाला था.
इस तरह 3 दिन निकल गए.
अगले दिन मैं सुबह जागी तो मौसी अपना सामान पैक कर रही थीं. मौसी के गांव में किसी तबियत खराब थी और मौसी को अर्जेंट जाना था.
एक घंटे बाद 9 बजे की ट्रेन थी… तो भैया मौसी को लेकर स्टेशन चल दिए.
मैंने मौसी से पूछा- कब आओगी?
तो मौसी बोलीं- मैं तो अब 15-20 दिन में ही आ पाऊंगी, मैंने तेरी मम्मी से बात कर ली है. अब तो वीरू तेरा यहीं एड्मिशन करवा देगा, अब तू यहीं रहेगी.
इतनी बात कहते हुए मौसी चल दीं.
मैं अब भाबी के बारे में बता दूँ. पिंकी भाबी की हाइट 5 फिट 3 इंच है. एकदम गोरी हैं, उनका साइज़ भी मेरा जैसा ही 34-30-32 का है. भाबी के बाल नीचे कमर तक आते हैं. उनकी काली आँखें बहुत नशीली हैं.
भाबी बोलीं- ऋतु जल्दी से नहा ले, मंदिर चलना है.
मैं भी झट से नहा कर आई. मैंने ब्लू कलर की लॉन्ग स्कर्ट पहनी और ब्राउन टॉप पहना, मेरा ये वाला टॉप एकदम फिटिंग का था, इसमें मेरे मम्मे बड़े फूले हुए दिखते हैं.
भाबी ने पर्पल कलर की साड़ी पहनी थी. जब भाबी तैयार होकर मेरे पास आईं तो बोलीं- क्या बात ननद रानी… किसपे बिजली गिरानी है… तू तो एकदम पटाखा माल लग रही हो.
मैं- भाबी आप भी कम नहीं लग रही हो.
खैर… हम मंदिर जाने लगे तो बाहर जितने भी लोग थे, बस हम दोनों को ही देख रहे थे. भाबी मुझसे काफ़ी मज़ाक करने लगीं और फिर हम दोनों एक दूसरे के क्लोज फ्रेंड हो गए.
घर आकर हम दोनों ने खाना खाया और गप्पें मारते हुए टीवी देखने लगे. शाम को भैया ऑफिस से आ गए और आज गर्मी कुछ ज्यादा थी तो भाबी ने एक नाइटी डाल ली थी, जबकि मैं उनके कपड़ों में थी.
भाबी भैया से बोलीं- कल मुझे मार्केट जाना है, आपकी बहन को कुछ कपड़े दिला दूँ… नहीं तो ये गर्मी में मर जाएगी.
भैया बोले- अभी चलो, कल मुझे आउट ऑफ स्टेशन जाना है, अभी चलो… जल्दी चलो.
भाबी झट से तैयार हो गईं और मैं भैया भाबी तीनों एक ही बाइक पर बैठ कर चल दिए. भैया हमको एक मॉल में ले जाने की कह कर चल दिए.
मॉल में आने के बाद हम लोग एक शोरूम में कपड़े देखने लगे.
भाबी ने दुकानदार से कहा- ब्रा पेंटी दिखा दो.
वो दिखाने लगा और भाबी मुझे दिखाने लगीं. मुझे भैया के सामने ब्रा पेंटी देखते हुए शर्म आ रही थी.
भाबी ने मुझे बहुत सारे कपड़े दिलाए और हम लोग घर आ गए. कुछ देर बाद खाना आदि खाया और सो गए.
सुबह भाबी ने एक टाइट सा टॉप निकाला और मुझे पहनने को दिया, मैंने पहन लिया… ये टॉप पूरा टाइट फिटिंग का था. इसमें मेरे मम्मे एकदम तोप की तरह तने हुए थे. मुझे खुद अन्दर से एक सेक्सी सा फील आ रहा था.
मैं उस लाल रंग के टॉप और मिनी स्कर्ट में थी.
जब शाम को भैया ऑफिस से घर पर आए तो भाबी ने मुझे पानी लेकर उनके सामने जाने को कहा. मुझे इतने हॉट लुक में भैया के सामने जाने में शर्म सी लग रही थी.
भाबी बोलीं- चली जा यार… तेरे भाई ही तो हैं.
मैं- भाबी वो बात नहीं… बस जरा शर्म आ रही है.
भाबी- मेरी ननद रानी, इतना क्यों शर्मा रही हो… कल से तुमको यही कपड़े पहने हैं. अब ये तेरा विलेज नहीं है… सिटी हे सिटी… समझी.
इसके बाद मेरी झिझक जैसे तैसे खत्म हुई और हम सब रात होने तक यूं ही बातें करते रहे.
फिर सब लोग सोने चल दिए. करीब 11 बजे मेरा कूलर खराब हो गया. मैंने भैया को जगाया तो भैया बोले कि तू हमारे वाले रूम में ही सो जा.
मैं भी भाबी के साथ उसी रूम में आ गई. एक तरफ भैया और बीच में भाबी, साइड में मैं थी. मैं उस टाइम लोवर टी-शर्ट में थी, भाबी नाइटी में थीं.
थोड़ी देर बाद उनको को लगा कि मैं सो गई हूँ तो वे दोनों आपस में मस्ती करने लगे. मुझे उनकी छेड़खानी से बहुत शर्म आ रही थी.
किसी तरह रात निकल गई और मैं सुबह तक सोती रही, मुझे भैया ने जगाया तब मैं ज़गी.
भाबी बोलीं- आज संडे है… ऋतु जाओ तुम नहा कर आओ और सुनो, आज तुमको कल ली हुई नई वाली ड्रेस ही पहननी है.
मैं शर्माते हुए नहाने चली गई. भाबी ने कपड़े निकाले और मुझे दे दिए. एक बहुत छोटा सा स्कर्ट और ट्रांसपेरेंट टॉप उसके साथ ब्लैक ब्रा पेंटी थी. मैंने भाबी से कहा- भाबी, घर में भैया हैं… मैं इनको नहीं पहन सकती हूँ.
भाबी बोलीं- ये तो कपड़े हैं इनमें इतनी क्यों परेशान हो रही हैं.
मैं बोली- भाबी, मुझे भैया के सामने इनको पहनने में शर्म आती है.
भाबी बोली- जब तेरी शादी होगी तो जब नहीं पहनेगी क्या?
मैं बोली- तब की बात और है.
भाभी बोलीं- जा मैं तेरे से बात नहीं करती.
मुझे लगा कि भाबी नाराज़ हो गईं, तो मैंने भाबी को हग किया और बोली- अच्छा जैसा आप कहोगी मैं वैसे ही कपड़े पहन लूँगी… बस आप नाराज़ मत होना.
भाबी हंस कर बोलीं- जा तू अपने भैया को पानी देके आ.
मैं भैया के रूम में गई तो भैया मुझे देखने लगे. भैया की निगाहों में एक अजीब सा भाव था. मुझे उनके देखने के अंदाज से अन्दर तक गुदगुदी सी होने लगी.
उसके बाद सबने खाना खाया और आराम करने लगे. सारा दिन यूं ही चुहलबाजी में बीत गया.
जब रात को हम सोने गए तो भाबी ने मुझे बीच में खिसका दिया और खुद साइड में सो गईं. थोड़ी देर में भैया का हाथ मेरे सीने पर घूमने लगा था. भाबी ना जाग जाएं, मुझे तो यही डर लग रहा था. मैं इसलिए चुपचाप लेटी रही. इसका नतीजा ये हुआ कि भैया की हरकतें बढ़ती गईं.
एक तो रूम में अंधेरा था और दूसरा भैया के हाथों की हरकतों से मुझे भी मस्ती छाने लगी. भैया ने मेरे दोनों मम्मों ऊपर से खूब दबाए फिर मेरे टॉप में हाथ डाल दिया. वो अपना काम करने लगे तो मैंने भी अपनी आँखें बंद कर लीं और मजा लेने लगीं. भैया ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मों को दबाते रहे.
मुझे सबसे ज्यादा अजीब तब लगा, जब भैया मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरे होंठ चूसने लगे. मैं भी वासना में भर उठी थी… सो मैं भी उनका साथ देने लगी.
हम दोनों की जीभें आपस में लड़ रही थीं. तभी मुझे फिर से याद आया कि भाबी बगल में ही सो रही हैं, तो मैंने भैया को साइड किया और उठ कर बाथरूम में चली गई. उधर देखा कि पूरी पेंटी गीली हो गई थी. मैंने पेशाब की, चुत धोई और फिर से रूम में आ गई. मैंने भाबी को उनकी जगह पर सरका दिया और खुद किनारे लेट गई.
मुझे लगा कि भैया को पता नहीं है कि उनके नीचे में थी, शायद वो मुझे भाबी समझ कर चोदने के मूड में थे कि इतने में भाबी जाग गई थीं. उन्होंने मुझे हिलाया, मैं तो अब तक गर्म थी सो जाग ही रही थी. भैया भी जागे हुए ही थे.
तभी बिजली चली गई और चूंकि गर्मी का मौसम था तो बेचैनी होने लगी.
भाबी बोलीं- चलो, बाहर आँगन में चलते हैं.
भैया तो कुछ कहने की जगह सीधे उठ कर ही बाहर आँगन में चले गए. उनको ज्यादा गर्मी लग रही थी तो वे आँगन में बैठ कर नहाने लगे.
इसके बाद भाबी भी पानी में भैया के साथ मस्ती करने लगीं और बोलीं कि चलो एक गेम खेलते हैं, हम में से किसी एक इंसान की आँखों में ब्लैक पट्टी बाँधते हैं और उस इंसान को दूसरे इंसान को छू कर बताना है कि वो कौन है. जिसको वो छुएगा उसको नहीं बोलना है… कोई भी नहीं बोलेगा.
गेम स्टार्ट हुआ, भाबी ने मुझे भी पानी में खींच लिया. हम सब लोग पानी में भीग गए, सबने एक दूसरे को पानी में खूब भिगोया.
पहले भाबी की आँखों पर पट्टी बंधी और भाबी ने मुझे ही पकड़ लिया और मेरा टॉप जानबूझ कर खींचते हुए फाड़ दिया. अब मैं ब्रा और स्कर्ट में रह गई थी. मैंने बोला- भाबी ये क्या किया आपने… मेरा टॉप फाड़ दिया?
भाबी बोलीं- कोई बात नहीं, ये तो गेम है.
इसके बाद भाबी ने भैया को पकड़ा. वे अपने हाथ से उनके अन्डरवियर को पकड़ने लगीं और उनका लंड दबाने लगीं. मैं ये सब देख रही थी.
भैया कुछ नहीं बोले और अपना लंड भाबी के हाथ से मसलवाने लगे.
अब भैया की बारी थी, भैया ने भाबी को पकड़ा और भाबी का भी टॉप फाड़ कर भैया उनके मम्मों को दबाने लगे. उसके बाद भैया ने मुझे पकड़ा और मेरे मम्मों को दबाने लगे, मैं भी सिसकारी लेने लगी क्योंकि मुझे तो बहुत मजा आ रहा था. भाभी भी मुझे मम्मे मसलवाते हुए देख रही थीं और मुस्कुरा रही थीं मेरा डर भी खत्म हो गया था. इसी तरह हम 2 से 3 घंटे पानी में ही खेलते रहे.
बाद में भाबी मजाक करते हुए मुझसे बोलीं- क्या बात ऋतु, आज तो तू अपने भैया से ही अपने मम्मों को मसलवा रही थी… गेम अच्छा लगा या नहीं.
मैं बोली- भाबी गेम तो अच्छा था, मैं क्या मजा ले रही थी, वो तो गेम था, जिसमें आप भी तो अपने फुकने दबवा कर मजा ले रही थीं.
आज के गेम से मेरी झिझक कम हो गई थी और भाबी मेरे से बहुत मज़ाक करने लगी थीं. अब तो वे कभी मेरे मम्मों को दबा देतीं, कभी मेरे हिप्स में चपत मार देतीं… ये अब आम बात हो गई थी. हम दोनों सहेलियों के जैसे बर्ताव करने लगे थे.
उसी रात को भाबी फिर एक साइड में ही सोईं. मैं भैया की तरफ़ वाली साइड में सो गई.
कुछ देर बाद भैया शुरू हो गए, उनका हाथ मेरे मम्मों पर आ गया. आज मैंने भी कुछ नहीं कहा. उस दिन भैया ने पहली बार मेरी पेंटी और मेरी चूत को टच किया. अब मैं तो आसमान में उड़ रही थी और भैया मेरे दोनों मम्मों पर अपनी मजबूत पकड़ बना रहे थे. मैं भी चाहती थी कि भैया आज मुझे चोद कर अपना बना लें.
कुछ ही पलों में वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगे. मैं भी उनके बालों में हाथ फेर रही थी. भैया ने मेरा हाथ अपने लंड पर सरका दिया तो मैंने भी भैया का लंड भी टच किया. उनका लंड एकदम टाइट मोटा लंबा था.
कुछ ही देर में भैया ने मेरी ब्रा भी निकाल दी. अब मैं ऊपर से नंगी थी. नीचे मेरे जिस्म पर स्कर्ट और पेंटी थी. भैया ने वो भी निकाल दी.
अब भैया ने नीचे को होकर पहली बार मेरी क्लीन चूत पर किस किया और अपनी जीभ से मुझे चोदने लगे. मैंने भी अपने टांगें खोल दीं और चुत चटवाने का मजा लेने लगी ‘आआआहह ओह…’
मैं अपनी कामुक आवाज़ को अपने मुँह में ही रहने की कोशिश करती रही.
फिर अचानक से भाबी उठ गईं और बोलीं- यहां का एसी बहुत तेज चल रहा है, मुझे तो ठंड सी लग रही है, मैं बाहर जाकर सोती हूँ.
मैं समझ गई कि भाबी ने मुझे चुदने का पूरा मौका दे दिया है. जैसे ही भाबी गईं, भैया ने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और मेरी कमर और गांड पे हाथ फेरने लगे.
फिर भैया ने मेरी चूत चूसना शुरू किया मेरी मादक सिसकारियां निकल रही थीं- आआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… आहह ओह मुऊ… उम्मईं आआहह…
मैं ये सब कर रही थी तो भैया बोले- तू तो एकदम मस्त माल हो गई है.
मैंने बोला- आप भी तो मुझे पाकर मस्त हो गए हो.
फिर भैया ने अपना लंड मेरे मुँह पर रख दिया. मैंने अपना मुँह खोल दिया और लंड को प्यार करने लगी, भैया का लंड चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आने लगा. भैया अपने लंड से मेरा मुँह चोदने लगे.
थोड़ी देर में भैया ने कहा- ऋतु अब मैं तेरी चूत में अपना लंड डालूँगा… आज तुझे अपनी बना लूँगा.
मैं बोली- हां बना लो ना… मैं तो आपकी ही हूँ मेरे राजा भैया.
भैया बोले- एक प्रॉमिस कर आज से भैया नहीं कहेगी… तू मुझे वीरू बोलेगी.
मैंने कहा- ठीक है मेरे वीरू राजा… अब जल्दी से डाल भी दो अन्दर.
जब वीरू ने अपना लंड मेरी चूत में डाला तो मुझे दर्द भी हुआ था और ये लग रहा था कि भाबी अन्दर ना आ जाएं… और खेल न बिगड़ जाए.
कुछ देर के दर्द के बाद मैं बहुत मजे में आ गई थी. खुद नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड ले रही थी ‘आआआहह… आअहह…’
भैया जब तेज झटके मारते थे तो मैं ‘उईईईई मम्मीं… मर गई…’ मचल कर कामुकता से बोलने लगती थी.
भैया मुझे चोदते हुए बोले- बोल… तू मेरी कुतिया है.
मैं भी बोल देती- हाँ हूँ तेरी कुतिया… साले चोद मुझे आआआहह ओह मुऊऊउउ… मम्मीममम मर गई… कितना मोटा लंड है… आअहह…’
तभी मैं एकदम से अकड़ कर फ्री हो गई थी. कुछ देर मुझे पेलने के बाद वीरू भैया भी मेरी चूत में ही झड़ गए और मेरे ऊपर ही लेटे हुए थे. मैं उनको किस करने लगीं. भैया का लंड अब भी मेरी चूत में ही था. फिर पता ही नहीं चला और हम दोनों ऐसे ही सो गए.
सुबह मुझे वीरू भैया ने जगाया और मैं उठ कर फ्रेश होने चली गई. फिर आज मैंने चाय बनाई, भाबी भैया को चाय दी.
भाबी हंस कर बोलीं- तू रात में इतना शोर क्यों मचा रही थी… आराम से सोया कर ना.
मैंने सोचा शायद मैं पकड़ी गई. तभी भाबी बोलीं- चल अब नहा ले.
मैं नहा कर आई तो भैया भाबी के होंठ चूस रही थीं. मैं उन दोनों को देख कर कमरे में आते हुए ठिठक गई. मैं खांस कर बोली- मैं बाद में आती हूँ.
भाबी अलग होते हुए बोलीं- कोई बात नहीं ननद रानी… इसमें क्या शर्म इधर आओ.
उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया तो भैया बोले- इसको जाने दो.
तभी भाबी बोलीं- क्यों जब रात को तुम दोनों ये सब कर रहे थे, तो दिन में भी तो कर सकते हो.
मैं डर के मारे सकपकाने लगी. भाबी बोलीं- घबरा मत… सच बता क्या चाहती है तू?
अब मैं बोली- जैसा आप चाहें.
तो भाबी बोलीं- मैं तो ये चाहती हूँ कि तुझे वीरू से अभी मेरे सामने चुदवाना होगा.
मैं मन ही मन में बहुत खुश हुई. मैंने पहले मना किया. तभी भाबी ने भैया से कहा- तुम क्यों चुप हो… चोदो साली को.
वीरू ने मुझे अपनी गोद में खींच लिया और भाबी के सामने ही मुझे नंगी करके चोदने लगे.
उस दिन भैया ने मुझे 3 बार चोदा और आज इस चुदाई में भाबी भी नंगी होकर चुत चुदाई का मजा ले रही थीं.
बस इसके बाद तो जब तक मैं मौसी के घर रही समझो मेरी चुत में भैया का लंड आता जाता रहा. अब बिना लंड लिए मुझे चैन ही नहीं पड़ता है.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स स्टोरी प्लीज़ मुझे जरूर बताना.
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