हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैंने इसकी कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े करता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी के सामने वैसी ही जोश भरी कहानी सुनाने वाला हूँ और यह मेरी पहली कहानी है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आयेगी और प्लीज आप सभी मुझे मैल जरुर करें.
दोस्तों यह कहानी है मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी जी की. मेरी उम्र 26 साल है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है और मेरी भाभी जी की उम्र 32 साल और उनके फिगर का साईज करीब 36-28-38 है. वो दिखने में एकदम हॉट, सेक्सी लगती है और उनके गदराए हुए बदन की वो बनावट, सेक्सी आखें, गोल चेहरा, बड़े बड़े पहाड़ जैसे बूब्स और उससे भी बड़ी उनकी वो गांड जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे और उसे अपनी तरफ आकर्षित करती है. उनके वो झूलते हुए बूब्स मटकती हुई गांड मुझे बहुत सेक्सी लगती थी. में पहले उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचता था, लेकिन उस घटना के बाद मैंने कभी भी उनके बारे में वैसा नहीं सोचा जैसा मुझे सोचना चाहिए. में अब हमेशा उनको हवस भरी नजरों से देखने लगा था और हमेशा उन्हें चोदने के सपने देखता और अब सीधा अपनी आज की उस घटना को बताता हूँ, जिसके बाद मेरे दिन बदल गए.
दोस्तों मेरा और मेरे परिवार का भाभी के घर पर हमेशा आना जाना लगा रहता है और सबसे ज्यादा तो में ही उनके घर पर आता जाता हूँ, क्योंकि उनके घर के और बाहर के छोटे मोटे काम में खुद किया करता हूँ. एक दिन की बात है, उस दिन उनके घर पर कोई नहीं था तो में जब भाभी के घर पर आया तो वो मुझसे बोली कि राज मेरे सर में बहुत दर्द है और इस समय घर पर कोई नहीं है तो क्या तुम मेरे लिए बाहर बाजार से दवाई ले आओगे? तो मैंने हाँ कहा और में जल्दी से उनके लिए दवाई ले आया और उन्हें दे दी.
फिर उन्होंने मुझसे धन्यवाद कहा और फिर वो मुझसे बोली कि क्या राज मेरे सर में बहुत दर्द है तो क्या तुम मेरा सर दबा दोगे? तो मैंने हाँ कहा और अब में उनका सर दबाने लगा तो थोड़ी ही देर बाद उनका सर दर्द बिल्कुल ठीक हो गया और फिर वो मुझसे कहने लगी कि वाह राज तेरे हाथ में तो कोई जादू है, मेरा दर्द तो एकदम सही हो गया और फिर उन्होंने कहा कि तू यहीं पर बैठ और में तेरे लिए चाय बनाकर लाती हूँ. फिर मैंने उनसे कहा कि नहीं भाभी मुझे अभी घर पर जाना है, में फिर कभी चाय पीने आ जाऊंगा.
फिर वो बोली कि तुम चुपचाप यहाँ पर बैठ जाओ, थोड़ी देर में ऐसा कुछ नहीं होगा, तुम्हे घरवालों का डर है तो में उनसे बात कर लूंगी और कोई भी तुमसे कुछ भी नहीं कहेगा और फिर में वहीं पर बैठ गया, लेकिन जैसे ही वो बेड से नीचे उतरी तो वो एकदम से पैर मुड़ने की वजह से नीचे गिरने लगी तो मैंने उन्हे गिरने से पहले उन्हे पकड़कर संभाल लिया और अब मेरा एक हाथ उनकी कमर पर और दूसरा हाथ उनके कूल्हों पर था और फिर वो बोली कि एक बार फिर से तुम्हे धन्यवाद, अगर अभी तुम नहीं होते तो ना जाने क्या होता और वो अभी तक मेरी बाहों में थी.
फिर मैंने उनसे बोला कि कोई बात नहीं भाभी, यह तो मेरा फ़र्ज़ था, लेकिन अब खिंचाव की वजह से उनकी कमर में भी थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा था और फिर वो मुझसे बोली कि राज मेरी कमर में दर्द हो रहा है, शायद मुझे ऐसा लगता है कि मेरी कमर में झटका आ गया है अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह माँ मुझे अब तो और भी ज्यादा दर्द हो रहा है उह्ह्ह्ह में अब क्या करूं? में उनसे बोला कि हाँ हो सकता है थोड़ा ज़ोर का झटका आपकी कमर में दर्द कर रहा है, लेकिन अगर आप कहे तो में आपकी कमर को दबा देता हूँ, उसकी मालिश कर देता हूँ, जिससे शायद आपका दर्द खत्म हो जाएगा?
फिर वो झट से मुस्कुराकर बोली कि तुम कितने अच्छे हो हमेशा मेरा बहुत ध्यान रखते हो, अब जल्दी से मेरी कमर का दर्द भी खत्म कर दो. फिर में उनकी कमर को उनके गाऊन के ऊपर से ही धीरे धीरे दबाने लगा और तभी वो बोली कि उधर एक तेल रखा हुआ है, तुम वो लेकर उसकी मेरी कमर पर मालिश कर दो तो मुझे थोड़ा आराम मिल जाएगा. फिर में उठकर वो तेल लेकर आया तो मैंने उनसे कहा कि लेकिन आपने तो यह गाऊन पहन रखा है तो वो बोली कि कोई बात नहीं है, तुम इसे थोड़ा ऊपर उठाकर तेल लगाकर मालिश कर दो.
फिर में बोला कि लेकिन और फिर वो बोली कि लेकिन वेकीन छोड़ो और अब तुम जल्दी से लगा दो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और अब जैसे ही मैंने उनके गाउन को ऊपर किया तो में क्या बताऊ दोस्तों भाभी की चिकनी जांघे और फिर उनके वो इतने चिकने पैर थे कि मेरा मन पलट गया और मैंने आज से पहले कभी भी उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचा था, जो में अब मन ही मन सोच रहा था और फिर मेरा लंड मेरी पेंट में पूरा तनकर खड़ा हो गया. अब भाभी ने उसे पेंट में खड़ा हुआ देख लिया और फिर वो मुझसे बोली कि तेरी पेंट खराब हो जाएगी, तू इसे अपनी पेंट से बाहर निकाल कर मालिश कर दे.