किरायेदार की बीवी की चुत की भूख मिटाई

गर्म भाभी की चुदाई हिंदी में पढ़ें. वो हमारे यहाँ किराये पर रहते थे. मैंने उनकी सुन्दरता देख उनसे दोस्ती की. मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने कैसे भाभी को सेक्स के लिए मनाया?

दोस्तो, मैं रोहन आज आपको एक मदमस्त भाभी की चुदाई हिंदी में बताने जा रहा हूँ.
यह बात आज से करीब चार साल पुरानी है.

मैं उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद जिले का रहने वाला हूँ. वहां हमारा अपना 3 मंजिल का मकान है. फर्स्ट फ्लोर पर हम लोग खुद रहते हैं और बाकी के दोनों फ्लोर हमने किराये पर दे रखे हैं.

उस समय हमारा थर्ड फ्लोर ख़ाली था तो हमें किराएदार की जरूरत थी.

एक दिन फ़िरोज़ नाम का एक बंदा आया. उसने पापा से बात की और हमारा थर्ड फ्लोर रेंट पर ले लिया.

अगले दिन जब वो अपनी फैमिली के साथ आया.
उसकी फैमिली में वो, उसकी खूबसूरत बीवी शबाना और एक बेटा शाहिद और एक बेटी हिना थी.
चूंकि उसकी शादी को भी 5 साल ही हुए थे तो उसके दोनों बच्चे छोटे थे.

जब मैंने उसकी बीवी शबाना को पहली बार देखा तो मेरे होश ही उड़ गए थे.
क्या गदर माल थी यार … मैं सोच भी नहीं सकता था कि ऐसे चूतिया से दिखने वाले बंदे की बीवी इतनी खूबसूरत होगी.

शबाना भाभी की उम्र केवल 26 साल ही थी, मैं तो उनका पहले ही दिन से दीवाना हो गया था और सोच लिया था कि मौका मिला, तो इनको चोदूंगा जरूर.

वो कहते हैं न दोस्तो, जहां चाह, वहां राह.

कुछ दिन बाद भाभी के पति के बारे में पता चलने लगा कि शबाना भाभी का पति गाड़ी चलाता था, जिस कारण से वो कई कई दिन तक घर से बाहर ही रहता था.

मैंने इसी बात का फायदा उठाया और शबाना भाभी से बात करने लगा. कभी कभी मैं मजाक मजाक में उनसे डबल मीनिंग बातें भी कर दिया करता था.
मगर वो कोई नापसंदगी जैसा रिएक्शन नहीं देती थीं.

मैं समझ गया कि बस एक मौके की जरूरत है, भाभी को पटा कर अपने लौड़े के नीचे लाना कोई ख़ास मुश्किल काम नहीं होगा.

एक दिन मैंने भाभी से बातों ही बातों में पूछ लिया- भाभी, भाईजान तो कई कई दिन बाहर रहते हैं, आपका दिल नहीं करता कि रात में उनकी जगह किसी और से मदद ले लो.
ये कह कर मैं हंस दिया.

भाभी ने बोला- चल हट … तुम बहुत बदमाश हो.
इस पर मैंने बोला- आप कुछ भी समझ लो भाभी … बस ये बताओ कि जहां आप लोग पहले रहते थे, वहां आप कैसे काम चलाती थीं.

उन्होंने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया.

मैंने एक दो बार फिर से पूछा, तो भाभी बोलीं- वक़्त आने पर सब बता दूंगी.

उनकी इस बात से मेरे भेजे में कुछ भी समझ नहीं आया.

करीब छह महीने बाद हम दोनों कुछ ज्यादा खुल गए थे.

एक दिन मैं ऊपर उनकी फ्लोर पर गया, तो देखा भाभी नहीं थीं.
उनका फ़ोन वहीं रखा था.

मैंने फ़ोन देखा तो उनके फ़ोन पर किसी का व्हाटसैप मैसेज आया था.

उनके व्हाटसैप को जैसे ही मैंने ओपन किया तो मेरे होश ही उड़ गए. उनको किसी ने उनके और अपने सेक्सी पिक्स भेजे हुए थे.
ऊपर चैट पढ़ने पर पता लगा कि वो उस बंदे के साथ कई बार चुदाई करवा चुकी हैं.

ये पढ़ कर मेरा तो मूड ही बन गया.
मैंने तुरंत ही वो सारे पिक्स अपने नम्बर पर सेंड कर लिए और उनकी सारी चैट के स्क्रीन शॉट लेकर भी सेंड कर ली.

अभी मैंने उनके फ़ोन से स्क्रीन शॉट्स को डिलीट किया ही था कि भाभी आ गईं.

वो बोलीं- अरे भईया आप कब आए?
मैंने बोला- बस अभी ही, मगर आप कहां थीं?

भाभी बोलीं- मैं जरा वाशरूम में गई थी.
मैंने भी बोला- ओके.

अब मैं उधर से जाने लगा, तो भाभी बोलीं- क्या हुआ आज आते ही जा रहे हो … कोई काम था क्या?
मैंने कहा- नहीं कुछ नहीं, बाद में बताता हूँ.

उस दिन मैंने भाभी के पिक्स देखकर दो बार मुठ मारी और चैट पढ़कर दो दिन तक मैं ऊपर ही नहीं गया.
क्योंकि मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए.

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दो दिन बाद भाभी ने मुझे किसी काम से ऊपर बुलाया.
मैं गया तो वो बोलीं- क्या हुआ भईया, दो दिन से आप ऊपर आए ही नहीं हो?
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है भाभी, बस जरा बिजी हो गया था.

उन्होंने बोला- तुमने मेरा फ़ोन चैक किया था न!
ये सुनकर मानो मेरा खून पानी हो चला था. मैंने सकपकाते हुए कहा- नहीं नहीं तो … मैं आपका फोन छुआ तक नहीं था.

बस ये कह कर मैं वहां से चल दिया.

उन्होंने मुझे रोककर कहा- मुझे पता है क्योंकि तुमने स्क्रीनशॉट तो डिलीट कर दिए … मगर अपनी चैट भी तो डिलीट कर देते पागल.

मैं डर रहा था मगर क्यों डर रहा था मुझे खुद भी नहीं पता था.
इतने में ही भाभी बोलीं- तुम क्यों डर रहे हो, डरना तो मुझे चाहिए … मेरी चोरी तुमने पकड़ी है. मगर तुम तो ऐसे डर रहे हो जैसे उन पिक्स में मेरे साथ तुम हो.

तभी मुझे कुछ होश आया और मैं बोला- भाभी, मैं डर नहीं रहा हूँ, बस मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि आपसे क्या बोलूं और क्या नहीं?

अब भाभी मुझे रूम में अन्दर ले गईं और अपने पास बिठाकर बोलीं- देखो भैया, वो मेरा पुराना बीएफ है … और जब से यहां आई हूँ उससे मिली भी नहीं हूँ. सो वो जिद कर रहा है औऱ अब मुझे उससे मिलना भी नहीं है. क्योंकि मैं इतना बड़ा रिस्क नहीं ले सकती. मगर तुम उन पिक्स को किसी को मत दिखाना और उनके बारे में भी कुछ नहीं बताना. अब से मैं तुम्हारे साथ ही वो सब कर लिया करूंगी.

मैं बोला- नहीं भाभी … मैं ऐसा नहीं हूँ.
भाभी ने तुरंत कहा- छुप छुप कर मेरे बूब्स देखते हो, मेरे साथ हमेशा गंदी बात करना चाहते हो. तुम्हें क्या लगा कि मुझे कुछ पता नहीं है. मुझे सब पता है और मैं राजी भी हूँ. आगे तुम्हारी मर्ज़ी है. तुम्हारे भैया भी यहां नहीं हैं, अगर तुम चाहो तो रात को आ जाना. मैं तुम्हें जन्नत दिखाऊंगी.

इतना बोलकर भाभी ने मेरे गाल पर एक किस कर दिया.
अब वो रूम से बाहर आ गईं.
पीछे से मैं भी नीचे आ गया.

अब मैं सोच रहा था कि क्या किया जाए क्योंकि जिसे मैं चोदना चाहता था, उसका तो सामने से ही ऑफर आ रहा था.

मौका तो अच्छा था ही … मैंने भी मौके का फायदा उठाया.
मैं उसी वक्त मेडिकल स्टोर गया और भाभी की चुत चुदाई के लिए कंडोम के दो पैकेट ले आया.

अब बस मुझे भी रात का ही इंतजार था.

रात के ग्यारह बज रहे थे; सब सो चुके थे.

मैं अपने रूम से निकला और एक बार फिर से देखा कि सब सो रहे हैं. मैं ऊपर चला गया तो देखा भाभी जग रही थीं और उनका दरवाजा भी खुला था.

अन्दर गया तो वो नशीली आवाज ने बोलीं- आ गए भैया … डोर लॉक आर दो और इधर आ जाओ.
मैंने दरवाजा बंद किया और भाभी ने मुझे अपने बेड पर लिटा लिया.

भाभी सेक्सी आवाज में बोलीं- अब क्या प्रोग्राम है?
मैंने भी बोल दिया- अब क्या … अब तो बस आपकी चुदाई का ही इंतजार है.

वो मुस्कुरा दीं और भाभी ने मेरे होंठों पर अपने गुलाबी होंठ रख दिए.
मेरे पूरे शरीर में झनझनी हो गई और लंड खड़ा हो गया.

भाभी जैसी इतनी खूबसूरत बला और ऊपर से खुद से चुदने को मचल रही थीं.
किसी भाभी के साथ मेरा ये फर्स्ट टाइम था.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

हमारी चूमाचाटी शुरू हो गई और हम दोनों ही चुदाई के लिए उतावले हो गए.

करीब 15 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए और मैंने भाभी के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
उन्हें बेड पर चित लिटाकर धीरे धीरे मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए.

फिर अपने कपड़े भी निकाल दिए. अब हम दोनों नंगे हो चुके थे.

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मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके दोंन मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा.

भाभी अपने हाथ से मेरा लंड सहला रही थीं.
मुझसे भी कण्ट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने भी जल्दी से पैंट की जेब से कंडोम निकाला और लंड पर चढ़ाने की तैयारी करने लगा.

भाभी हंस कर बोलीं- ओहो … देवर जी ने तो फुल तैयारी कर रखी है.

मैं कुछ नहीं बोला, बस लंड पर कंडोम लगाकर भाभी की चुत के ऊपर लौड़ा टिकाया और हल्का सा रगड़कर एक जोरदार धक्का दे मारा.
इससे भाभी थोड़ी सी उछल गईं, मगर उन्होंने लंड को झेल लिया.

फिर मैंने देखा कि अभी मेरा पूरा लंड चुत में अन्दर नहीं गया है, अभी तो सिर्फ आधा ही गया है. सच में भाभी की चुत बहुत ही ज्यादा टाइट थी.

मैं बहुत ही हैरान था कि दो बच्चे होने के बाद भी इतनी टाइट चूत कैसे है.

मैंने हल्का सा पीछे करके एक और जोरदार झटका मारा तो इस बार मेरा पूरा लंड भाभी की चुत में समा गया था.

वो उचक कर हल्के से चीख पड़ीं- आआह … इतनी जल्दी क्या है … आराम आराम से करो न!
मैंने कहा- हां अब आराम से ही करूंगा.

अब मैंने धीरे धीरे भाभी की चुत में झटके देना शुरू कर दिए और कुछ ही देर बाद मैं उन्हें तेज तेज चोदने लगा था.
भाभी भी मेरे लंड से चुदने का पूरा मज़ा ले रही थीं. उन्होंने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा लीं और मैं दे देनादन भाभी को चोदने में लग गया.

करीब आधा घंटे तक ऐसे ही भाभी की चुत चोदने के बाद मैं झड़ गया और भाभी के ऊपर ही गिर गया.
भाभी भी इस बीच दो बार झड़ चुकी थीं.

हम दोनों ऐसे ही दस मिनट पड़े रहे. उसके बाद मैंने लंड चुत से निकाला और उससे कंडोम हटाकर भाभी के मुँह में लंड डाल दिया.

भाभी लंड चूसने लगीं. वो बहुत मज़े से लंड चूस रही थीं. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरा लंड दोबारा से पूरा खम्बा बन चुका था.

अब एक और राउंड शुरू होने की तैयारी हो गई.

इस बार मैंने भाभी से गांड में लंड लेने को कहा मगर उन्होंने मना कर दिया.

मैंने भी ज्यादा फ़ोर्स नहीं किया और दूसरा कंडोम चढ़ाकर भाभी की एक टांग उठाकर चूत में लंड पेल दिया.

इस बार मैंने भाभी को कई और पोज़ में चोदा. पहले घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा. फिर उन्हें अपने लौड़े की सवारी करवाई.

करीब आधा घंटे तक मैं भाभी की चुत को चोदता रहा.
जब झड़ने को होता तो मैं चुत से लंड निकाल कर उनके मुँह में चोदना शुरू कर देता, तो कभी उनकी चूचियों में लंड फंसा कर मजा देने लगता.

भाभी की चुत को मेरे लंड से चुदने में बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं इस बार गिरने लगा तो उन्होंने मेरा लंड बाहर निकलवा दिया और कंडोम हटाकर अपने हाथ से लंड की मुठ मारने लगीं और सारा पानी अपने मम्मों पर ले लिया.
मुझे बहुत मज़ा आया.

अब रात के करीब ढाई बज रहे थे. हम दोनों थक चुके थे.
मुझे भी नींद आ रही थी. मैं वहीं गिर गया.

उन्होंने मुझे उठाकर मेरे कपड़े पहनाए और बोलीं- अब तुम नीचे जाओ, कोई आ गया तो हम पकड़े जाएंगे.
मैंने कहा- ओके भाभी, एक आखिरी किस तो दे दो.

भाभी ने मुझे एक गुड नाईट किस दी और मैं वापिस अपने कमरे में आ गया.

अब मुझे जब भी मौका मिलता, मैं उन्हें चोद दिया करता था.

इसके आगे क्या हुआ और अब वो भाभी कहां हैं, ये सब मैं भाभी की चुदाई हिंदी में अगली कहानी में लिखूंगा. मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताएं.
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यह पहली कड़ी एकदम फ्री है!