भाभी की बहन की शादी से पहले चुदाई- 1

इरोटिक सेक्स रिलेशन की कहानी में पढ़ें कि मैं भाभी की बहन की शादी में कई दिन पहले चला गया तो वहां उनकी चचेरी बहन से मुलाक़ात हुई. वो मुझे सेक्सी लगी.

दोस्तो, मैं यश हॉटशॉट एक बार फिर से अपनी एक स्टोरी के साथ हाजिर हूँ.
मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी ये इरोटिक सेक्स रिलेशन की कहानी भी पहले जैसी सभी सेक्स कहानी की तरह पसन्द आएगी.

मैं अपने दोस्तों, सेक्सी भाभियों और सभी जवान हॉट लड़कियों को धन्यवाद करता हूं कि वो सब मेरी कहानी को पढ़ कर मुझे मेल करते हैं.

अन्तर्वासना पर मेरी पिछली कहानी थी: नयी नवेली पड़ोसन भाभी को चोदने की लालसा

एक दिन मैं घर पर बैठ हुआ था तो दरवाजे पर आवाज आई कि घर के बाहर कोई आया हुआ है.
मैंने बाहर जाकर देखा तो भैया भाभी आए हुए थे.

ये जो भैया भाभी आए थे, वो मेरे चाचा के लड़के थे और अंजलि भाभी साथ में थीं.
मैंने उन्हें अन्दर बुलाया और कुछ ही देर में सबने चाय पी. बहुत बातें भी हुईं.

भाभी मुझसे बोलीं- आप तो हमारे घर का पता ही भूल गए हो. एक साल से ज्यादा हो गया, घर के सब लोग आ गए पर आप नहीं आए.

मैंने कहा- भाभी क्या करूं, मन तो बहुत करता है, पर जब भी जाने की सोचता, तो कोई न कोई काम आ जाता था. जिस वजह से मैं वहां नहीं आ पाता.
भाभी- बहाना बनाना तो कोई आपसे सीखे.

मैंने कहा- नहीं भाभी बहाना नहीं बना रहा हूँ. चलो अब कभी जल्दी ही आता हूं.
भाभी बोलीं- कभी क्या आता हूँ … नवम्बर में मेरी बहन निशा की शादी है, तो आपको तो दो हफ्ते पहले ही आना है क्योंकि आपके भैया तो दूसरे काम में बिजी होंगे, तो मुझे भी आपकी हेल्प चाहिए होगी न.
मैंने कहा- ठीक है.

शादी के दो हफ्ते पहले ही मैं भाभी के मायके वाले घर आ गया.

बाहर से अभी तो लग ही नहीं रहा था कि कोई शादी है. भाभी का घर यूपी में है और जिस जगह घर है, वहां का एरिया बहुत अच्छा है.

मैंने भाभी के घर के बेल बजाई, तो अन्दर से ‘आती हूँ …’ की आवाज आई.
जब दरवाजा खुला, तो कोई एकदम मस्त माल सामने था.

उस लड़की का नाम शिल्पा था और वो भाभी की कोई रिश्तेदार थी, जो कि मुझे बाद में पता चला.

उसका फिगर बहुत सेक्सी था. उसने उस टाइम नीले रंग की जींस और बहुत से मिक्स रंग वाला टॉप पहना हुआ था. वो टॉप और जींस दोनों ही उसके पूरे शरीर से चिपके हुए थे. उसका फिगर कुछ 32-28-34 का था.

शिल्पा- आप कौन, किससे मिलना है आपको?
मैंने उससे मस्ती करते हुए कहा- मैडम, यहां कोई अंजलि नाम से मैम रहती हैं, मुझे उनसे मिलना है.

शिल्पा- अच्छा तो आपको दीदी से मिलना है. आप यहीं रुको, मैं दीदी को बुला कर लाती हूँ.
ये कहती हुई शिल्पा जैसे ही पीछे मुड़ी, तो उसकी सेक्सी गांड देख कर मन किया कि पीछे से ही इसकी गांड में लंड डाल दूँ.

मैं जानबूझ कर दरवाजे पर ही खड़ा रहा.

थोड़ी ही देर में अंजलि भाभी ने मुझे देखा और बोलीं- तुम दरवाजे पर क्यों खड़े हो, अन्दर आओ.
शिल्पा सकपका गई और मैं हंस पड़ा.

फिर जैसे ही मैं अन्दर गया तो देखा कि पहले के मुकाबले घर अब और भी अच्छा हो गया था.
मैं बस भाभी की शादी में ही भाभी के घर गया था.

भाभी के घर में उनके मम्मी पापा और उनकी एक बहन यानि निशा थी.
निशा से छोटा एक भाई भी था.

भाभी की सगी छोटी बहन निशा थी, जिसकी शादी थी. उससे मेरा हंसी मजाक भी अच्छा खासा चलता था और हम दोनों आपस में किसी भी तरह की बात को शेयर कर लिया करते थे.

वैसे निशा भी देखने में किसी से कम नहीं थी. एकदम गोरी, काली आंखें, गोल गोल गाल … जिनको दांतों से काटने का मन करे.
उसके फिगर का साइज़ 34-28-34 का था. वो ऊपर से भी मस्त और नीचे से भी मस्त माल थी. उसकी गांड और चूचियों का आकार पूरी तरह से गोल गोल था.

निशा योग और एक्सरसाइज करती थी तो उसकी बॉडी में फालतू का फैट था ही नहीं.

मेरा मन तो बहुत किया कि अगर ये राज़ी हो जाए तो इसको चोदने के लिए कोई बहाना नहीं बनाना पड़ेगा क्योंकि घर में आने जाने की कोई रोक टोक तो थी नहीं.
उसने पहले ही सब साफ बोल दिया था कि हम दोस्त बन सकते हैं, उससे आगे कुछ नहीं.

उसने बताया भी कि उसका बॉयफ्रेंड भी है, उसके साथ उसने सेक्स भी किया है. उसने सब कुछ मुझसे शेयर किया हुआ था.

पर कहते है ना कि जब कामदेव की कृपा होती है, तो कुछ भी हो सकता है.

उसे ये शादी नहीं करनी थी क्योंकि उसकी शादी उसके बॉयफ्रेंड से नहीं हो रही थी. उसके घर में ये बात सबको पता चल गई थी इसलिए जल्दी से शादी करवाई जा रही थी.

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मैं घर के अन्दर आया, सबसे मिला.
जब मैं निशा से मिला तो उससे बोला- तुझसे कुछ काम है.

निशा बोली- हां बोलो.
मैंने कहा- अभी नहीं, बाद में बताऊंगा.

उसके बाद मैं सबसे मिला, चाय पी.
भाभी के और भी रिश्तेदार आए हुए थे.

ऐसे ही थोड़ा टाइम हुआ तो मैं सीधा रसोई में आ गया. वहां भाभी और शिल्पा ही थीं.

मैंने भाभी के पास जाकर कहा- ये मोहतरमा कौन हैं, भाभी जी जरा हमसे भी तो मिलवाओ.
अंजलि भाभी बोलीं- हां हां क्यों नहीं, ये मेरी बहन है और इसका नाम शिल्पा है.

मैंने हाथ आगे करते हुए शिल्पा को हैलो बोला और शिल्पा ने भी मुझसे हाथ मिलाया.
जैसे ही उसका मुलायम और मखमली हाथ मेरे हाथ से छुआ, मेरे लंड में जैसे कोई करंट लग गया और वो झटके से खड़ा हो गया हो.

‘मेरा नाम यश है.’
वो मुस्करा दी.

मैंने भाभी से कहा- ये आपकी सगी बहन हैं?
भाभी बोलीं- नहीं, ये मेरे चाचा की लड़की है और गांव से मेरी मम्मी के साथ आई है.

मैंने मन में सोचा कि गांव से है … मतलब गांव में भी इतने मस्त माल होने लगे हैं.

मैंने कहा- पर ये लगती नहीं है कि गांव से आई है.
भाभी मुस्कराने लगीं.

फिर मैंने अंजलि भाभी से उनके गांव के बारे में पूछा.
तो वो नाम बताती हुई बोलीं- इधर से मेरे गांव का रास्ता कोई 5 घंटे का है.
मैं ओके कह कर भाभी की ओर देखने लगा.

फिर अंजलि भाभी बोलीं- ये कॉलेज में है, तो इसे घर से दूर पड़ता है. इसलिए ये हॉस्टल में रहती है. अभी इसकी एक महीने की छुट्टी थी तो मैंने इधर ही बुला लिया.
शिल्पा बोली- हमारा जो कॉलेज है ना … वो शहर में पड़ता है. घर से कॉलेज आने जाने 4 से 5 घंटे लग जाते हैं. पापा ने पहले ही पता कर लिया था, इसलिए उन्होंने मुझे गर्ल्स हॉस्टल में रूम दिलवा दिया ताकि आने जाने की दिक्कत ही ना रहे. मैं हफ्ते में या महीने में एक या दो बार जब कॉलेज ऑफ होता है, तो घर चली जाती हूँ.

अब अंजलि भाभी मुझसे बोलीं- कैसी लगी मेरी बहन?
मैं बोला- बहुत सुंदर और मस्त है साली.

मैंने भाभी को आंख मारते हुए ये बात बोली, तो अंजलि भाभी बोलीं- शैतान कहीं के.
मैंने कहा- क्या शैतान … ये मेरे भाई की साली तो है ही न!
इस बार शिल्पा भी हंस पड़ी.

ऐसे ही हम सब बातें करते रहे. अब शिल्पा भी मुझसे हल्की फुल्की बातें करने लगी थी.
मेरे मन में तो था कि इसकी भी चुदाई करने को मिल जाए तो मजा आ जाए.

अंजलि भाभी बोलीं- देखो यश, काम बहुत है और अभी तो सारे सामान वगैरह खरीदने भी जाना है. फिर 4 से 5 दिन में बहुत से मेहमान भी आने वाले हैं, तो ये सब तुम्हें ही देखना होगा. मुझे किसी और पर इतना भरोसा नहीं है. बस तुम दोनों से ही मुझे आस है.
मैंने कहा- मैं तो हर तरह से तैयार हूं भाभी, आप मुझे कुछ भी काम दो, सब हो जाएगा, पर ये बात अपनी बहन से भी तो पूछो, ये काम कर पाएगी या नहीं.

शिल्पा थोड़ी चिढ़ती हुई बोली- क्यों नहीं करूंगी, आपने मुझे क्या आलसी समझा है.
अंजलि भाभी बोलीं- बस करो, तुम दोनों काम करोगे या नहीं, मुझे तो लग रहा है लड़ाई जरूर पहले ही कर लोगे.

मैंने कहा- ऐसा नहीं है भाभी. अब साली है, तो इतना तो बनता है न!
अंजलि भाभी बोलीं- ठीक है … जो करना है, करो. पर लड़ाई मत करना.

मैंने कहा- अच्छा … जो भी करूं?
अंजलि भाभी बोलीं- ज्यादा दिमाग मत चलाओ … और अगर वो सब करना ही है, तो दोनों पहले शादी कर लो.

मैं हंसने लगा.
शिल्पा भी शर्मा गई.

हमें ये सब बातें करते हुए दोपहर हो चुकी थी.
सबने खाना खाया.

फिर अंजलि भाभी मेरे पास आईं और उन्होंने शिल्पा को भी बुलाया.
भाभी बोलीं- सुनो यश, तुम अपना बैग मेरे रूम में रख दो और शिल्पा का भी. पहले ही तुम दोनों अपना बैग ऊपर रख दो, नहीं तो ओर मेहमान आएंगे, तो वो मेरे रूम में अपने सामान रखने के लिए बोलेंगे. इसलिए तुम अपना और शिल्पा का बैग ऊपर जाकर रख दो.

भाभी का जो घर यानि मायका था, वो 3 फ्लोर का था. छत पर भी रूम थे. उनके घर में सब मिला कर 12 रूम थे और दो स्टोर रूम भी थे, जिनमें आसानी से चुदाई की जा सकती थी. उन स्टोर्स में कुछ कुछ सामान रखा हुआ था, मगर चुदाई के लिए काफी जगह थी.

भाभी ने मेरा सामान और शिल्पा का बैग आदि सबको पहली मंजिल पर रखने को बोला क्योंकि ज्यादातर लोग नीचे ही रहना पसंद करने वाले थे, या ऊपर की मंजिल पर.

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पहली मंजिल पर जो रूम था वो एकदम कोने में बना था. उसी के साथ में ही निशा का भी रूम था. ये रूम बड़ा भी था और उसमें बाथरूम भी था. हमें कोई दिक्कत ना हो शायद इसलिए भाभी ने इस रूम के लिए मुझे बोला था.

मैंने दरवाजा खोला और कुछ सामान अन्दर कर लिया. मगर शिल्पा ने जैसे ही सामान उठाया, तो उसका पैर बैग से लड़ गया और वो गिरने वाली ही थी कि मैंने देख लिया और जल्दी से उसको पकड़ लिया.

जल्दी से पकड़ने के चक्कर में मैंने एक हाथ में उसके हाथ को पकड़ लिया और दूसरा हाथ सीधे उसके मुलायम गोरे चूचों पर पड़ गया.

उसको पकड़ने के लिए मैंने अपने जैसे ही हाथ बढ़ाए थे कि उसके चुचे मेरे हाथ से दब गए.

इस घटना के होते ही शिल्पा की नजर नीची हो गई और उसने थैंक्स भी बोला.
मैंने उससे कहा- शिल्पा सॉरी, मैंने बस तुमको बचा रहा था, वो गलती से हो गया.

वो बोली- तुम्हारी कोई गलती नहीं है, वो सब अचानक से हुआ … और तुमने तो मुझे गिरने से बचाया.
मैं मुस्कुरा कर बोला- चलो अब अन्दर चलें.

अब हम दोनों कमरे में अन्दर आ गए और अंजलि भाभी का ये कमरा देखने लगे.
वाकयी भाभी का ये रूम बहुत अच्छा रूम था.

हम दोनों सोफे पर बैठ गए.
मैंने उससे पूछा- तुमको कॉलेज में एडमिशन लिए हुए कितना टाइम हो गया?
शिल्पा बोली- मुझे तो एक साल से ज्यादा हो गया है.
मैं हम्म कहा.

फिर शिल्पा बोली- आप क्या करते हो और कहां रहते हो?
मैंने कहा- मैं तो दिल्ली से ही और मैंने बी.ए. के पहले वर्ष का एग्जाम दिया है. पढ़ाई के अलावा अभी मैं कुछ नहीं कर रहा था. चूंकि भाभी पहले ही बोल कर गई थीं कि दो हफ्ते पहले आना है, तो मैंने कहीं जॉब की कोशिश नहीं की. नई जॉब लगी हो और दो हफ्ते की छुट्टी मांगूगा, तो कोई नहीं देगा. इसी लिए कोई जॉब नहीं देखी.
वो बोली- हां ये तो है.

फिर मैंने पूछा- तुम्हारा गांव और कॉलेज कहां है?
शिल्पा ने अपने गांव का नाम बताया और कॉलेज का पता बताया.

मैंने कहा- हमारे यहां से तुम्हारे कॉलेज का रास्ता तो दो घंटे का होगा!
शिल्पा- हां … और आपका गांव कहां है?

मैंने उसको अपने गांव का नाम पता आदि बताया.

कुछ देर बात करने के बाद शिल्पा के मोबाइल पर अंजलि भाभी का कॉल आया.
भाभी ने शिल्पा को नीचे बुलाया था.

थोड़ी देर में जैसे ही शिल्पा गई, मैंने दरवाजा बंद किया और बेड पर आकर लेट गया.

शिल्पा से मुलाकात की शुरुआत ही ऐसी हुई थी कि उसके चुचे पकड़ने को मिल गए थे.
तो सोच रहा था कि इसकी चुदाई कब करने को मिलेगी.

ये ही सोचते हुए ही मैं सो गया.
जब नींद खुली तो नीचे आ गया.

सब बातें कर रहे थे और रात होने वाली थी. भैया भी कुछ देर में आ गए थे. मेरी भैया से मुलाकात हुई.

इसके बाद मैं रसोई की तरफ गया.
अन्दर शिल्पा कुछ काम कर रही थी.

रसोई के दरवाजे से ही मैं शिल्पा की गांड को देख रहा था, उसके साथ ही निशा भी थी. उसने टाईट जींस पहनी हुई थी, तो उसकी गांड का आकार भी साफ देखने को मिल रहा था.

फिर मैं अंजलि भाभी के पास आ गया.
मैंने देखा कि शिल्पा मुझसे नजर भी ठीक से नहीं मिला रही थी.

निशा बोली- क्यों हो गई नींद पूरी?
मैंने कहा- अभी कहां, अभी तो रात हुई है … अभी तो पूरी रात तो बाकी है.

निशा बोली- तो जाओ सो जाओ, इधर सोने के लिए ही तो आए हो.
मैंने उसके मजे लेते हुए कहा- अकेले में सोने में मजा नहीं आ रहा है. यहां दो दो सालियां हैं, फिर भी कोई सेवा ही नहीं कर रही है.

इतने में अंजलि भाभी बोलीं- शरारती कहीं के … चलो बाहर जाओ.
ऐसे ही बातें करते टाइम बीत गया और कुछ टाइम बाद सबका खाना हो गया.

अब रात के यही कोई 11 बज रहे होंगे, तो सब लोग यानि भाभी, शिल्पा, निशा, मैं और भैया पहले ही ऊपर वाले रूम में चले गए थे.

मैंने सोचा कि अभी बात करके कोई फायदा नहीं है, जब हम दोनों अकेली होंगी, तो बात करूंगा.

अंजलि भाभी भैया एक रूम में थे. मैं और शिल्पा, निशा के रूम में थे. निशा का रूम भी अन्दर से बहुत अच्छा था. उसके कमरे का बेड भी काफी बड़ा था.

अब इन दोनों मस्त माल में से कौन मेरे लंड के नीचे पहले आती है, इसका जिक्र मैं अपनी इरोटिक सेक्स रिलेशन की कहानी के अगले भाग में करूंगा.
आप मुझे मेल कीजिएगा.
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