माँ बेटा सेक्स: बेटे ने मेरी हवस मिटाई

प्रिय पाठको, मेरी कहानी माँ बेटा सेक्स की है, मेरा नाम प्रभा है, मैं 37 साल की विधवा हूँ. मेरे 2 बच्चे है, एक बेटा सोनू 19 साल का और बेटी शिवानी उससे छोटी है.

करीब एक साल से मैं अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रही हूँ. और यकीन मानिये यहाँ की कहानियाँ बेहद गर्म होती हैं!
काफी दिनों बाद आज मैंने सोचा कि अभी 20 दिन पुरानी घटना को कहानी के माध्यम से आप लोगों के साथ शेयर करूँ!

तो दोस्तो, आज मैं आपको एकदम सच्ची घटना बताने जा रही हूँ जिसमें मैं और बेटा बेटा सोनू है!

मेरे पिताजी को दारू की लत थी, माँ बचपन में ही चल बसी थी तो मेरे पिताजी ने मेरी शादी किशोरावस्था में ही करवा दी. कुछ साल अच्छे से बीते, सोनू और शिवानी का जन्म हुआ और फिर एक रोज़ मेरे पति का एक एक्सीडेंट के वजह से देहांत हो गया करीब 4 साल पहले!

मैं पूरी तरह टूट चुकी थी लेकिन ससुराल के लोगों ने बहुत मदद की और मैंने एक दुकान खोल ली जिससे हमारा गुजारा अच्छे से चलने लगा.
सब ठीक से चल रहा था लेकिन हर औरत और मर्द की कुछ बुनियादी शारीरिक जरूरतें होती हैं, वहां पर आकर मैं बेबस हो जाती थी, बाहर किसी से सम्बन्ध क्या रिश्ता रखने में भी बदनामी का डर सताता था तो इसी बेबसी को अपनी किस्मत मानकर जीवन काट रही रही थी!

अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ती थी, पोर्न वीडियो देखती थी और उंगली से ही चुत की आग मिटाती थी … लेकिन आखिर कितने दिन?

खैर मैंने दिमाग से ये ख्याल ही उतार दिया था लेकिन करीब एक महीने पहले कुछ ऐसा घटा कि मेरी लालसा बढ़ गयी!

एक रोज़ शिवानी स्कूल गयी थी और मेरा बेटा घर पर ही था, मैं दूकान से जब दोपहर को घर आयी खाना बनाने तो एक चाभी जो मेरे पास रहती थी उससे मैंने दरवाजा खोला और अंदर गयी. अंदर सोनू के कमरे का दरवाज़ा आधा खुला था और वो बिस्तर पे सिर्फ अंडरवियर पहन के लेटा था और अंडरवियर के ऊपर से ही उसका लौड़ा लम्बा मोटा और सख्त है, यह मुझे महसूस हो गया था.

लेकिन आखिर है तो मेरा बेटा … यह सोचकर मैं अंदर चली गयी और खाना बनाकर सीधा बेड पे लेट गयी.
मेरे ख्याल में अब भी वही चल रहा था, मैं चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रही थी.

फिर मैंने अन्तर्वासना की साइट से माँ की चुदाई श्रेणी से माँ बेटा सेक्स कहानियाँ पढ़नी शुरू कर दी, यकीन मानिये … पढ़ने के बाद मैं खुद के काबू में नहीं रही, मैंने उंगली से अपनी चुत को छुआ तो वो पानी पानी हो चुकी थी.

मैंने उस रोज रात में न खाना बनाया न खाया … मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी … मुझे बस चुदना था अब!

उन कहानियों से मैंने सीखा कि कोई भी रिश्ता हो लेकिन असल रिश्ता सिर्फ एक औरत और मर्द का होता है फिर वो चाहे बेटा हो या देवर!

रात के करीब 12 बज रहे थे, मैंने बहुत सारी पोर्न वीडियो देखी एवं हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर धीरे धीरे मैंने उंगली करनी शुरू कर दी अपनी चुत में … मेरा जोश एकदम बर्दाश्त के बाहर हो रहा था, जी कर रहा था कोई भी मर्द आकर मेरे जिस्म को नोच के खा जाए!

तभी एकाएक सोनू आकर सीधा चढ़ गया मुझ पर … वो भी पूरा नंगा!
मैं अचानक हुए इस हमले से भौचक्की रह गयी और हड़बड़ा कर उसे दूसरी तरफ धकेला और खड़ी हो कर अपनी साड़ी ठीक करने लगी!

इतने में सोनू ने मुझे कस के पकड़ कर बिस्तर पे लिटा दिया और बोला- साली कब से उंगली कर रही है … तुझे तो उंगली करते हुए मैं रोज़ ही देखता हूँ और नंगी नहाती है तब भी दरवाज़े के छेद से तुझे देखता हूँ. माँ-बेटे का रिश्ता भूल कर सिर्फ अपनी हवस मिटा माँ! क्यूंकि मैंने भी आज तक सिर्फ मुठ ही मारी है! आ जा मेरी जान … आज तेरे जिस्म की आग मिटाता हूँ मैं! मुझे अपना बेटा नहीं, अपना पति समझ आज की रात! तुझे दिखाने के लिए ही अंडरवियर में लेटा था!
इतना कहकर सोनू मुझे चूमने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा.

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अब मैंने शर्म हया सब त्याग दी, मेरा कण्ट्रोल खुद पे नहीं रहा था, बस अब सामने एक हट्टा कट्टा मर्द दिख रहा था जिसका लौड़ा उसके बाप से भी लम्बा था. मुझे अब अपनी प्यास बुझानी थी और सोनू भी हवसी हो चुका था!

मुझे बचपन से ही ज्यादा जोश आया करता था और मुझे वाइल्ड सेक्स बहुत पसंद है जिससे कि कोई मेरा बदन नोच के खाये!
मैंने कहा- सोनू बेटा, मुझे एक रांड समझ और जो दिल में आये वो कर … मुझे मार, गाली दे, जो मन करे वो कर … बस मेरी आग मिटा मेरे बेटे!

यह सुनकर सोनू ने मेरी ब्लाउज को आगे से खींच कर फाड़ दिया और ब्रा को खोलकर मेरे निप्पल चूसने लगा और बूब्स मसलने लगा.
सोनू- साली रांड … तुझे अब मैं सही में रांड बनाऊंगा आज चोद के … कितना चुदवा सकती है तू सच सच बता?
प्रभा- बेटा, मैं तो दस मर्दों से भी चुदवा लूं, इतना भयानक जोश चढ़ा हुआ है मुझे!

इतना सुनते ही सोनू ने मेरी गांड मसल दी और कहा- साली कुतिया, बदन तो एकदम कसा हुआ है तेरा, सिसकारी जोर जोर से ले मम्मी, मैं चाहता हूँ कि पूरा मोहल्ला आज जान जाए कि तू चुद रही है!
इतना कहकर सोनू ने मेरी साड़ी पूरी खोल दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल कर मुझे नंगी कर दिया, सिर्फ पैंटी बची थी जिसने मेरी गीली चूत को ढक रखा था!

फिर मेरे बेटे ने मुझे बेड पे लिटाया और मेरे पूरे बदन को चूमने लग गया एकदम हवसी के जैसे … आखिर पहली बार उसे नंगी औरत मिल रही थी चोदने को!
अब सोनू ने अपनी माँ की दोनों जांघों को चूमा और जांघें फैला कर पैंटी के ऊपर से ही मेरी चुत को चाटने लगा. मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने सोनू से कहा- बेटा, अपनी माँ की पैंटी उतार के चाट जीभ घुसा के मेरी चुत में!

सोनू ने अपने दांतों से मेरी पैंटी खींच कर उतारी और जैसे ही उसने जीभ मेरी चुत पे लगायी, मेरी हालत ख़राब हो गयी और मैं चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहहाह!

मेरी सिसकारी इतनी जोर से निकली कि आवाज सुनते ही आधी नींद में मेरी बेटी शिवानी मेरे कमरे में आ गयी और बोली- क्या हुआ मम्मी?
हम दोनों माँ बेटे अपने काम में लगे हुए थे!
मैंने कहा- कुछ नहीं बेटी, तुम जाओ सो जाओ!
शिवानी- मम्मी, भैया क्या कर रहा है आपके साथ? कपड़े भी नहीं पहने हैं उसने!
मैं- बेटा, वो मुझे प्यार कर रहा है, तुम और बड़ी हो जाओगी, तब तुम भी समझ जाओगी!

शिवानी- मम्मी, मुझे अकेले डर लग रहा था, मैं यहीं तुम्हारे बगल में सो जाऊँ?

अब मैं बड़ी मुसीबत में फंस गयी और न चाहते हुए भी शिवानी को अपने पलंग पर सुला लिया मैंने!

इधर सोनू ने मेरी चुत में अपनी जीभ पूरी पेल रखी थी, चुत से झरने की तरह पानी निकल रहा था!
मैंने कहा – सोनू बेटा, अब चोद मुझे … लौड़ा घुसा अपना अपनी मम्मी की चूत में!
इस पर सोनू ने कहा- साली कंडोम नहीं है, ऐसे ही चोदूँ, चलेगा न?

मुझे लौड़ा जल्द से जल्द अपनी चुत में महसूस करना था तो मैंने कहा- कर न साले, सोच क्या रहा है, कंडोम नहीं है तो उसके बिना चोद!
सोनू- मम्मी, मैं पहले तुम्हारी गांड मारूंगा! कुतिया अपनी गांड देखी है तूने कभी? एकदम गोरी गोरी मोटी फूली हुई है!

मैं गांड मरवाने की शौक़ीन रही हूँ तो मैं तुरंत कुतिया बन गयी और कहा- ले बेटा, मार अपनी माँ की गांड जी भर के!

अब सोनू ने पीछे से मेरी गांड अपना लौड़ा घुसना शुरू किया,इतने सालों बाद लौड़ा घुस रहा था तो मैं होश में थी ही नहीं बिल्कुल,धीरे धीरे कर के उसने अपना पूरा मोटा मुसल जैसा लन्ड मेरी गांड में पेल दिया और मेरे बाल पकड़ के मेरी गांड मरने लगा!

वो पहली बार चोद रहा था तो थोड़ा धीरे धीरे चोद रहा था तो मैंने कहा- बेटा कस कस के मार, इतने आराम से गांड और चुत नहीं मारी जाती है! कस के एकदम रांड समझ के पेल मुझे!
अब सोनू जोश से भर गया और मेरी पीठ पे थप्पड़ मारते हुए मेरे बाल खींच कर मेरी गांड मार रहा था. मैं एकदम भयानक जोश में आ चुकी थी! वासना मेरे सर चढ़ कर बोल रही थी.

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तभी शिवानी बोली- भैया, मम्मी को क्यों मार रहे हो? उन्हें दर्द हो रहा है!
सोनू- अरे बहन, प्यार करने का यह एक तरीका होता है, तू बड़ी होगी तो समझ जाएगी!
मैंने कहा- शिवानी बेटा, तुम आंखें बंद कर के सो जाओ, भैया को प्यार करने दो मुझे!

अब सोनू मेरी गांड पर भी थप्पड़ मार रहा था जिससे मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था. सोनू ने कहा- साली, तेरी गोरी गांड लाल हो चुकी है मेरे थप्पड़ों से और पीठ भी … अब तेरा बेटा अपनी माँ की चुत का मज़ा लेना चाहता है!
मैंने तुरंत कहा- हाँ बेटा, ले न जितना मज़ा लेना है ले! और अब से जब तेरा दिल करे तब मज़े लेना मेरे बदन का!

इतना कहकर मैं सीधी होकर लेट गयी और सोनू मेरी टांगें उठा कर मेरे ऊपर लेट गया और धीरे धीरे अपना लौड़ा मेरी चुत में घुसाने लगा!

सालों बाद मेरी चुत में लौड़ा घुस रहा था, मेरी चूत पानी से लबालब हो चुकी थी.
पूरा लौड़ा घुसाने के बाद जब सोनू ने चोदना शुरू किया तो मैं सातवे आस्मां की मस्ती पर थी, पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ हो रही थी और मेरी सिसकारियाँ गूँज रही थी!

सोनू- ले साली, और कस के चुद तू आज, आज तेरे इस कामुक बदन की आग बुझा ही दूंगा!
मैं- हरामी साले, ये आग सालों की है, इतनी जल्दी नहीं मिटेगी. और कस के दम लगा कर चोद मुझे! साले इतना मोटा मुसल जैसा लौड़ा है तेरा कि लग रहा है कि स्वर्ग में हूँ मैं! और चोद बेटा और कस कस के चोद अपनी मम्मी को!
सोनू- ले साली रांड मां मेरी … और कस कस के ले!

सोनू बहुत बुरी तरह से जानवर जैसे मेरे बदन को नोच रहा था और मुझे वो बहुत ही ज्यादा पसंद आ रहा था! जी कर रहा था आज चुदवा चुदवा के मर ही जाऊँ!

काफी देर तक मेरी चुत चोदने के बाद सोनू ने कहा- मम्मी, मेरा गिरने वाला है अंदर ही!
और मैं इतने जोश में थी कि कुछ कहने की हिम्मत नहीं थी. उसका इतना बोलना था कि मैं परमानन्द को प्राप्त हुई, अपने शिखर पर पहुँच कर मेरा माल गिर गया और ओर्गास्म के साथ ही मैं मछली जैसे छटपटाने लगी. जिसे सोनू समझ गया और मेरी यह हालत देख कर जोश में सोनू का भी गिर गया.

मुझे मालूम था कि मेरे सेफ सुरक्षित दिन चल रहे हैं तो निश्चिंत होकर मैंने अपने अंदर ही गिरवा लिया और मेरा सगा बेटा सोनू मेरे ऊपर ही यानि अपनी सगी नंगी मां के ऊपर लेट गया!

करीब दस मिनट बाद सोनू उठा और चुपचाप अपने कमरे में चला गया!

मैंने उठ कर अलमारी से नाइटी निकाल कर पहनी और लेट गयी.
तभी शिवानी उठ कर बैठ गयी और बोली- मम्मी, भैया ने आपको बहुत प्यार किया न?
मैंने- हाँ बेटी, बहुत ज्यादा खुश कर दिया है, चलो अब सो जाओ तुम भी!

मेरे मन में शक पैदा हो चुका था कि शायद शिवानी सब समझ चुकी है क्यूंकि अब वो कोई बच्ची तो रह नहीं गयी, पूरी जवान हो चुकी है!

खैर इस बारे में फिर न शिवानी ने कुछ कहा, न ही मैंने!
और फिर हम दोनों मां बेटी भी सो गए!

सुबह पांच बजे सोनू ने दुबारा से आकर मेरे जिस्म को नोचा और जमकर अपनी माँ को चोदा पर इस बार उसका माल मैंने अपने मुँह में लेकर पी लिया था!

अब मुझे एक मर्द और मेरे बेटे को जवान औरत मिल चुकी थी और इस तरह से हम अपनी शारीरिक जरूरत यानी कामवासना पूरा करते हैं!

तो मित्रो, आपको मेरी यह माँ बेटा सेक्स की कहानी कैसे लगी मुझे मेल कर के जरूर बताइयेगा, मेरी ईमेल है
[email protected]

कहानी का अगला भाग: माँ बेटा चुदाई: बेटे ने मेरी हवस मिटाई-2

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