प्रतिशोध की ज्वाला-6

This story is part of a series:


  • keyboard_arrow_left

    प्रतिशोध की ज्वाला-5


  • keyboard_arrow_right

    प्रतिशोध की ज्वाला-7

  • View all stories in series

अब तक आपने इस कहानी में पढ़ा कि मेरी सास गीता रूपए के लालच में शराब पी कर चार जवान लौंडों के खड़े लंड अपनी चूत में लेने को राजी हो गई.
अब आगे..

मेरी सास गीता ने जब पूरे रूपए गिन लिए तो उसने अपने पर्स में रख लिए. इसके बाद उसने जो बचे खुचे कपड़े शरीर पर थे, उन्हें भी उतार दिए. वो पूरी नंगी हो गई.
एक दूसरा लड़का बोला- हमें तो तुम्हारी मैडम ने बताया था, तुम बहुत अच्छा डांस भी करती हो और मुर्दे लंड में भी जान डाल देती हो.. ज़रा दिखाओ अपना जलवा.

चूँकि गीता को पैसे मिल चुके थे और उस पर पैसों की गर्मी भी उस पर चढ़ चुकी थी. दूसरे वो शराब के नशे में भी थी, इसलिए उसने अपनी चुत की फांकों को खोल खोल कर अपना पेट आगे पीछे करने में लग गई.

उन लड़कों के आगे जिससे ऐसे लग रहा था कि चुत खोल कर नाच रही है. कुछ वो बहुत दिनों से चुदी ना होने के कारण चुत भी खड़े हुए लंड को देख कर पानी पानी होती जा रही थी. अभी वो नाच ही रही थी कि एक लड़के ने उसको पीछे से जा कर उसे धर दबोचा और उसके मम्मों को बुरी तरह से दबा दिया.

एक लड़के ने गीता के मम्मे इतने जोर से दबाए थे कि उसकी चीख निकल गई. मगर उस लड़के को कहाँ सब्र था, उसका लंड भी बेकाबू हो रहा था. उसने और जोर से मम्मों को दबाया और गीता की और चीखें निकलवाता रहा और जल्दी से अपना लंड उसकी चुत में पीछे से ही घुसेड़ दिया. अभी उसका लंड चुत में घुसा ही था कि दूसरा लड़का भी आ धमका. उसने पहले वाले के हाथों को पीछे कर दिया और खुद गीता के मम्मों पर टूट पड़ा. वो गीता की चुचियों को जोर जोर से दबा कर चूसने लगा.

इस वक्त दो खड़े लंड गीता की ऐसी की तैसी कर रहे थे और दो अपना लंड हिलाते हुए बोल रहे थे- नीचे लिटा इसको, हम भी कुछ करेंगे.

जैसे उसको उन्होंने नीचे लिटाया तो एक ने उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया और दूसरे ने उसकी गांड में लंड घुसेड़ दिया. गीता को यह तो पता था कि आज चुदाई जम कर करवानी पड़ेगी.. मगर यह नहीं पता था कि कोई गांड भी मारेगा. एक साथ ही चार चार उसका जिस्म नोंचेंगे.
वो चिल्लाती रही कि एक एक करके कर लो.

मगर वहाँ कौन सुनने वाला था. उन्होंने पैसे दिए थे और वे अपने हर एक पैसे का पूरा हिसाब लेना चाह रहे थे.

उनमें से एक बोला- साली रंडी बहन की लौड़ी.. मादरचोद चुपचाप चुदवा.. नहीं तो पैसे वापिस कर और दफ़ा हो जा. पैसे मुफ़्त में नहीं मिलते.

अब गीता कुछ भी कहने लायक नहीं बची थी. इस तरह से कुछ देर तक जब उन चारों ने गीता को पूरी तरह से रगड़ लिया तो बोले करो- अब टॉस करो.. अगले राउंड में कौन इसको सबसे पहले चोदेगा और कौन सा सबके बाद चुदाई करेगा.

टॉस करने के बाद जिसका नंबर सबसे पहले आया, वो उसको अपने पास खींच कर बेड पर ले गया और अपना खड़ा हुआ लंड उसकी चुत में एक ही झटके में डाल कर चुत में अन्दर बाहर करने लग गया.
वो गीता से बोला कि साली चुत उछाल नीचे से.. तभी लंड को गर्मी चढ़ेगी बहिन की लौड़ी.. पूरा मजा दे साली छिनाल.

ना चाहते हुए भी गीता को अपनी चुत उछालनी पड़ रही थी, क्योंकि अभी अभी उसके जिस्म का बुरा हाल हो चुका था. चुदाई करते हुए वो लंड चुत में तो जो करना था, सो कर ही रहा था.. मगर साथ में उसके मम्मों को भी बुरी तरह से नोंच रहा था. उसकी चुची को दबा दबा कर चूस रहा था. कई बार उसके बाजुओं वो ऊपर करके उसकी बगलों पर किस कर रहा था.

इस तरह से 10-15 मिनट के बाद जब उसका वीर्य लंड से निकलने वाला था, तो लंड और ज्यादा अकड़ गया. जिससे गीता को पता लग गया कि अब यह अपनी पिचकारी मारेगा.

उसने उस लड़के से कहा- प्लीज़ इसको बाहर निकालना, वरना कुछ हो सकता है.
मगर उन लौंडो को तो कहा ही हुआ था कि लंड का पानी चुत में ही भरना है.

इसलिए उस लौंडे ने गीता की एक ना सुनी और बोला- अगर तेरी चुत बच्चा निकालने का मन बना ही चुकी है तो मेरा लंड क्या करेगा. मैं तुमको नहीं छोड़ूँगा.. जब तक पूरा मज़ा ना मिल जाए. तू माँ बने या ना बने.. मुझे इस से क्या?
उसने अपने लंड का पूरा माल चुत में डाल कर भी अपना लंड बाहर नहीं निकाला क्योंकि वो नहीं चाहता था कि चुत को टाइम मिल जाए, जिससे वो पूरा माल बाहर निकाल दे.

वो चाहता था कि अगर बच्चेदानी को चुत का पानी चाहिए तो वो आराम से ले ले.

इस तरह से जब उसका लंड खुद ही ढीला हो कर बाहर निकला.. तो ही वो उठा. जैसे ही वो उठा तो गीता जल्दी से उठी और चुत को वॉश करने के लिए भागी ताकि जल्दी से धोकर वापिस आए और बच्चे पैदा होने के ख़तरे कम हों.

मगर उधर दूसरा लंड जो पहले से ही तैयार था. उसने उसे खींच कर बेड पर पटक दिया और बोला- कुतिया जाती कहाँ है?
बिना कोई टाइम गंवाए उसने भी अपना लंड उसकी चुत में डाल दिया और वो ही सब किया, जो पहले वाले ने किया था.

इस तरह से सबने बारी बारी से उसकी चुत की पूरी खातिरदारी की. जब चारों ने उसकी चुत की ज़मीन को अच्छी तरह से अपने लंड से सींच लिया तो बोले- जाओ अब चुत की सफाई करके आओ. हमें अब इसका रस पीना है.

उसे शायद अभी भी आशा थी कि शायद पूरा माल बाहर निकल जाए. इसलिए वो लड़खड़ाती हुई बाथरूम में भागी. कुछ देर बाद वो चुत की सफाई करके वापिस आई तो उसके मुँह से कुछ नहीं निकल रहा था. वो उन सबके दुबारा से खड़े हुए लंडों को हैरानी से देख रही थी कि अब यह फिर से उसका बुरा हाल करेंगे.

यही हुआ वो चारों एक एक कर के फिर से उस पर चढ़ गए.. मगर जो लास्ट में चोदने के लिए गया, उसने उसके हाथों और पैरों को पलंग से अच्छी तरह से चौड़ा करके बांध दिया ताकि वो हिल ना सके. उसके बाद उसने अपना लंड उसकी चुत में घुसा दिया और धक्के मारने लगा.

अब चूंकि गीता हिल नहीं सकती थी इसलिए सिवा चुत को हिलाने के और कुछ नहीं कर पा रही थी. मगर वो चीखें बहुत जोर जोर से मार रही थी. इस पर उन्होंने गीता के मुँह पर टेप चिपका दिया और उसकी चुत का बुरा हाल कर दिया.
जब सभी के लंड का पानी चुत में घुस गया तो चुत को ऊपर को कर दिया ताकि लंड से निकला पानी चुत में ही रहे.

इस तरह से उसको माँ बनाने का पूरा इलाज़ कर दिया. जब पानी जितना अन्दर रह सकता था, रह गया. तब उसके हाथ पैर खोल दिए. मगर अब उसमें इतनी भी उठने की हिम्मत नहीं थी कि वो जा कर चुत को साफ़ कर सके. इसलिए वो वैसे ही पड़ी रही.

जब दो घंटे बाद उसे कुछ होश आया तो लड़कों ने बोला- जाओ यहाँ से अब दफा हो जाओ.. वरना हमारा लंड फिर से तुम्हारी चुत पर चढ़ जाएगा.

मगर वो बिना कुछ बोले ही पड़ी रही क्योंकि उसमें हिलने की भी हिम्मत नहीं बची थी.
इस तरह से पूरी रात बिता कर जब सुबह उन लड़कों ने कहा- अब चलो वरना कोई पहचान लेगा.

तब वो लड़खड़ाते हुए उठी और बाथरूम में जाकर नहाने लगी. फिर कपड़े डाल कर जब वो तैयार हुई तो देखा कि ऑफिस जाने का टाइम हो चुका है. उसे पता था कि वो इस हालत में घर नहीं जा सकती, इसलिए वो कैसे ना कैसे ऑफिस पहुँच गई. वहाँ उसे मनोरमा मिली तो उसने उसके साथ जो बीती थी कह सुनाई.

मनोरमा ने कुछ घड़ियाली आंसू बहा कर उससे कहा कि मुझे नहीं पता था कि वो इतने लुच्चे निकलेंगे. खैर तुम फिकर मत करो.. मैं तुमको 15 दिनों बाद लेडी डॉक्टर के पास ले जाकर तुम्हारा चैकअप कराऊंगी कि तुम्हारी चुत में से उन बदमाशों का कोई बच्चा तो नहीं निकलने वाला है.. अगर हुआ तो मैं अपने खर्चे से पूरा इलाज़ करवा दूँगी, तुम्हें कोई चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. मुझे तो तुम्हारी बात सुन कर ऐसा लग रहा है कि ये सब मेरी चुत के साथ हुआ है. तुम आज मेरे रूम में आराम करो और शाम तक बिल्कुल ठीक हो जाओगी. किसी को नहीं पता लगेगा कि तुम कल चुदवा कर आई हो. चुत को भगवान ने बनाया ही ऐसा है कि चुदने के कुछ देर बाद तक जो भी होना होता है, हो जाता है. मगर जैसे ही कुछ घंटे बीत जाते हैं तो वो फिर से चुदाई के लिए तैयार हो जाती है.

इस तरह से मनोरमा ने उसे उसके मिले जख्मों पर मलहम लगा दिया.

उधर मनोरमा ने उस लड़के से पूछा- जैसा कहा था, फिल्म बनाई थी क्या?
उस लड़के ने कहा- आपका कहना हो सकता है कि ना माना जाए. बिल्कुल बनाई है और यह रही आपकी सेवा में.

मनोरमा ने वहीं पर उसे अपने मॉनिटर पर देखी.. जब कि वो आराम करने के लिए सामने बैठी थी.
उसकी फिल्म देख देख कर मनोरमा की चुत भी गीली होकर पानी से भर गई.

अब मनोरमा ने मुझको फोन पर बताया दे दी कि काम हो गया है.
यह सुन कर मुझे लग रहा था कि आधा बदला पूरा हो चुका है. इसी सास ने अपने लड़के को बहुत ही भड़काया था और मेरी एक ना सुनी कि उसने मेरे साथ क्या करवा दिया.

उधर मनोरमा ने मुझसे पूछा कि अब गीता को और चुदवाना है या नौकरी से निकालना है?
मैंने कहा- नहीं नौकरी से नहीं निकालना.. उसके बेटे को भी नौकरी दिलवानी है. उसकी पूरी जम कर चुदाई करवाओ और जब उसे पूरा चस्का लग जाए कि उसे रोज़ लंड मिलना चाहिए. तब आगे की बात कहूँगी.
मनोरमा ने कहा- ठीक है दीदी!

अभी एक सप्ताह ही बीता था कि गीता की दिमागी हालत खराब होने लगी. उसे हमेशा यही चिंता सता रही थी कि उसके पेट में किसी ना किसी लंड का बच्चा पल रहा है.

एक दिन उसने मनोरमा से कहा- मैडम, मुझे अब रात को नींद नहीं आती!
और उसका कारण भी उसने बताया.
तब मनोरमा ने उससे कहा- तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं है. मैंने कहा ना कि तुम्हारी चुत से कोई बच्चा नहीं आएगा. मगर डॉक्टर को चैकअप करने के लिए अभी कुछ दिन तो निकालो वरना उसे भी क्या पता लगेगा कि तुम्हें बच्चा होने वाला है.
वो बोली- अब मेरी सारी इज्जत आपके हाथ में ही है.
मनोरमा ने कहा- चिंता ना करो.

दो तीन दिनों बाद मैं एक मीठा लाई जो कुछ दिनों की बासी मिठाई थी. उस डिब्बे में दो एक टुकड़े मैंने ताज़ा भी रख लिए और मनोरमा को बुला कर सब समझा दिया.

मनोरमा ने उसको अपने कमरे में बुला कर कहा- कल मेरे घर पर पार्टी थी. मैं तुम्हारे लिए यह मिठाई लाई हूँ.
फिर मनोरमा ने उसमें से वो ही दोनों ताज़ा टुकड़े उसके सामने उठाकर खा लिए और बाकी के उसे खाने को बोला.

वो निश्चिंत हो कर बासी मिठाई खा गई. उस बासी मिठाई का असर तो होना ही था. शाम को छुट्टी से पहले उसको उल्टियां आने लग गईं. वो समझी कि यह सब उसके पेट में बच्चे की वजह से है.
उस पर मनोरमा ने नमक छिड़क दिया, मनोरमा ने उससे कहा- तुम घर पर बोल दो कि मैं कुछ लेट आऊंगी और तुम मेरे साथ डॉक्टर के पास चलो.

मनोरमा उसे डॉक्टर के बजाए किसी नकली डॉक्टर के पास ले गई और उसको पहले बता दिया था कि क्या करना है. उसने कहा कि ठीक है आपका मैं चैकअप करता हूँ. अन्दर जा कर अपने कपड़े उतार कर लेटिए.

जैसा उसको कहा गया था वो वैसे ही करने लग गई. उधर उसकी फिल्म बनाना शुरू करवा दी गई. अब वो लौंडा डॉक्टर तो था नहीं. उसने गीता के मम्मों को दबाया और बोला कि लगता तो नहीं कि आप माँ बनने वाली हो. खैर अभी मैं चैक करके बताता हूँ.

उसने उसकी चुत को खोल खोल कर देखा और इसी बहाने वो अपना मुँह उसकी चूत के पास ले जाता था, जिससे फिल्म में लगे कि जो बनाई जा रही थी कि वो चूस रहा है. उससे बोल रहा था कि चुत को ऊपर करो.

कुछ देर बाद उस डॉक्टर ने कोई चीज़ डाल कर उसकी चुत को चौड़ा कर दिया, फिर उसमें इस तरह से झाँकने लगा बिल्कुल करीब आकर जैसे लगे कि वो ना सिर्फ मुँह मार रहा है बल्कि उसमें घुसने की भी चाह रखता है.

आप मेरी कहानी बदले की आग के लिए अपने ईमेल भेज सकते हैं.
[email protected]
मेरी ये सच्ची चुदाई की कहानी जारी है.

More Sexy Stories  कमसिन लड़की की मोटे लंड की चाहत-7