बड़ी बेहन ने मूठ मरते हुए पकड़ा

हाय दोस्तो मेरा नाम साहिल है, मैं भोपाल में रहता हू, मैं एक मेडिकल स्टूडेंट हू और मेरी एज 21 साल है, मेरे घर में मेरे पापा मेरी मम्मी और मेरी दो बेहन हैं, एक मुझसे 2 साल बड़ी जिसका नाम सबा है और एक मेरी ट्विन सिस्टर है जिसका नाम अनाम है.

मेरी मम्मी का नाम शमा है वो बॅंक में जॉब करती हैं, उन्होने शादी के बाद अपना ग्रॅजुयेशन पूरा किया और फिर बॅंक में जॉब करने लगी, मेरे पापा का नाम ज़ाकिर है और वो एक ट्रेडिंग कंपनी में बीडीएम हैं.

सबा मुझसे बड़ी है पर मैं उसे नाम से ही बुलाता हू, वो दिखने मे बोहोत अछी है और फिगर भी अछा है, एक बार उसकी ब्रा देखी थी तो उसका साइज़ शायद 32 है, (आई थिंक अब बढ़ गया है लॉल), वो भी मेडिकल स्टूडेंट है और मेरे ही कॉलेज में मेरी सीनियर है, अनाम बीकॉम कर रही हैं और वो भी दिखने में एक दम मस्त है पर मुझे सबा ज़्यादा सेक्सी लगती है क्यूकी वो चश्मिश है और उसके बूब्स भी मस्त हैं.

10थ क्लास तक मुझे सेक्स के बारे में ज़्यादा कुछ नही पता था, पर 11थ में जब मैं आया तो मेरी दोस्ती कुछ कमिने दोस्तो से हुई जिनके पास सेक्स से रिलेटेड बातें करने के अलावा कुछ नही था.

फिर मुझे एक फ्रेंड ने पॉर्न कॉमिक्स के बारे मे बताया जिसमे एक भाभी सब के साथ सेक्स करती है, मैने फिर वो पढ़ना शुरू कर दी और जब उसकी फ्री कॉमिक्स ख़तम हो गयी तो मैं सेक्स स्टोरीस पढ़ने लगा और फिर मुझे इन्सेस्ट स्टोरीस के बारे में पता चला, फिर ना चाहते हुए भी इसमे इंटेरेस्ट बढ़ता गया.

फिर मैने दूसरी इन्सेस्ट कॉमिक्स भी आधी लेकिन इन्सेस्ट स्टोरीस में ज़्यादा मज़ा आता था और रोज़ स्टोरीस पढ़ के मास्टरबेट किया करता था, रोज़ का यही शेड्यूल था की स्कूल जाने से पहले और स्कूल से आने के बाद रोज़ स्टोरीस पढ़के मूठ मारता था.

जब मैं 12थ में आया तो मैं इसका अडिक्ट हो चुका था और अपनी दोनो बहनो के बारे में इमॅजिन कर मूठ मारता था, और कभी कभी तो मम्मी के बारे में सोच के, लेकिन ये भी जानता था की ये इमॅजिनेशन बस इमॅजिनेशन या मेरी फॅंटेसी ही रहेगी क्यूकी ना तो मेरी बहनें मेरी जैसी थी ना ही मेरी मम्मी.

एक दिन मेरे स्कूल में कुछ ऐसा हुआ के मुझे उसी वक़्त मूठ मारने का दिल हुआ, मेरी एक फ्रेंड निशा का बिर्थडे था और वो उस दिन एक स्कर्ट और टॉप पहन के आई थी, वो दिखने मे तो थी ही पटाखा लेकिन स्कूल ड्रेस में कभी उसका सही फिगर पता नही चला था.

लेकिन इस ड्रेस में तो उसे देख के लड़को का तो खड़ा हो ही गया था शायद लड़कियो की चुत भी गीली हो गयी होगी, मेरा तो दिल किया की उसे अभी चोद दू लेकिन मेरे दिल करने से क्या होता है, करना तो वोही हैं अपना हाथ जगन्नाथ.

फिर मैने सोचा की बाथरूम में जाके निशा को अपने ख़यालो में उसकी स्कर्ट उपर कर के चोदता हू, पर जब मैं बाथरूम जाने लगा तो लड़के समझ गये और कुछ गर्ल्स भी जो आसपास थी वो मुझे देखने लगी की इधर निशा का बिर्थडे सेलेब्रेट हो रहा है और मैं बाथरूम? फिर मैने कहा मैं हॅंडवास्ष कारके आता हू, लेकिन हालत खराब थी फिर निशा का केक खा के उसे हाथ मिला के बिर्थडे विश किया.

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फिर मैने सोचा यार इसका हाथ इतना सॉफ्ट हैं तो इसके दूध और चुत कैसी होगी इतने में निशा बोली, “साहिल हाथ घर लेके जाएगा क्या” फिर मैने हस्ते हुए उसका हाथ छोड़ा लेकिन अब तो सब आउट ऑफ कंट्रोल था आख़िरकार मुझसे रहा नही गया और मैने लंच में ही घर आने का सोचा.

घर की एक चाबी मेरे पास रहती थी और एक चाभी मम्मी के पास, मम्मी हम लोगो के स्कूल और कॉलेज जाने के बाद बॅंक के लिए निकलती थी और पापा उन्हे छोड़ते हुए ऑफीस चले जाते थे, अनाम और मैं स्कूल से साथ आया करते थे और सबा शाम को 5 बजे तक आया करती थी.

मैने अपना बॅग उठाया और अपने फ्रेंड्स हेडक का बोल के घर जाने का बोल के अनाम की क्लास की तरफ चला गया, उसकी क्लास अलग होती थी कॉमर्स सेक्षन में और मेरी बायो में, मैं उसकी क्लास के बाहर गया और उसकी फ्रेंड नेहा से बोला की अनाम को भेज दो, नेहा क्लास मे जाके वापस आई और बोली की अनाम वॉशरूम गयी है, मैं वही खड़ा रहा.

थोड़ी देर बाद अनाम अपना ट्यूनिक ठीक करते हुए आई और मुझसे पहले नेहा और मैने एक दम से एक साथ बोलता इतनी देर लगती है क्या? फिर एक दम से हसने लगे और मैने अनाम से बोला की मुझे हेडक हो रहा मैं घर जा रहा हू तुम और नेहा साथ में आजाना.

वो बोली मेरे पास पेन किल्लर है दू क्या? मैने कहा नही मैं घर जाके सोउँगा, और मैने उसे पूछा तेरे पास पेन किल्लर कहा से आई तू क्यू खाती है? वो बोली खानी पड़ती है और दोनो अपनी हसी छुपाते हुए क्लास में चली गयी, फिर मैं बाद में समझा की मैं कितना स्टुपिड क्वेस्चन किया वो भी अपनी बहन से.

फिर मैं घर जाने के लिए मुड़ा और मैने सोचा की क्यू ना एक बार और निशा को देख लिया जाए क्यूकी इतनी देर में मेरा लंड थोड़ा सा सॉफ्ट होना शुरू हो गया था.

फिर मैं क्लास में वापस आया बाइक की चाबी ढूँडने के बहाने और देखा की निशा एग्ज़ॅक्ट मेरी सीट के पास खड़ी है, मैं ए उसके शोल्डर पे हटने का इशारा किया और वो हस्ते हुए हट गयी और बोली वापस आ गया ? मैने कहा चाबी नही मिल रही वो देखने आया हू, और अपनी डेस्क में चाबी ढूँडने आ गया और छुपी हुई निगाओ से निशा के बूब्स और गॅंड देख रहा था.

फिर मुझे आइडिया आया और मैने जेब से चाबी निकाल के चुपचाप से निशा के पैर के पास डाल दी, और फिर ढूँडने का नाटक करने लगा, फिर निशा ने कहा नही मिली क्या ? मैं नही का इशारा किया और ढूँडने लगा और निशा भी देखने लगी और मैं उसके पास आ गया इतने में वो उसे चाबी दिखी और वो एक दम से झुकी उसे उठाने के लिए लेकिन जैसा मैने सोचा था वैसा नही हुआ उसने अपनी स्कर्ट पीछे से सही करते हुए चाबी उठाई और मैं उसकी पैंटी नही देख पाया लेकिन फिर भी मैने उसकी गोल गॅंड आछे से देखी और फिर उसने मुझे चाबी दी और बोली घर जाके सो जाना और हस्ते हुए बाइ कहा.

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अब मेरा लंड फिर उरूज़ पे था और मैं सीधे घर गया, टाला खोला सीधे अपने रूम में गया और फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिए और लॅपटॉप में स्टोरी पढ़ने के लिए मैने देसीकाहानी.नेट खोली और फ्रेंड की चुदाई की कहानी पढ़ने लगा और अपने लंड को सहलाता रहा, मेरा 7 इंच का लंड (अब 8.5 का है ) पूरा लाल और मोटा हो गया और एक दम टाइट और एक एक नस दिख रही थी.

मैं स्टोरी पढ़ रहा था और साथ में लंड सहलाता जा रहा था और लंड से प्रेसुर निकल रहा था जिसे मैं पूरे लंड पे मालता जा रहा था और लंड बिलकुल चमकदार और लाल दिख रहा था जिसे अगर निशा देखती तो शायद मु मे लेके चूसने लगती.

मैं ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगा और आँखें बंद कर के निशा के बूब्स और गॅंड के बारे में सोचने लगा मैं उसके बूब्स दबा रहा हू और वो मेरे लंड पकड़ के हिला रही है तभी एक दम से मुझे आवाज़ आई साहिल !!!!!!!!

जब मैने आँखें खोली तो मेरे सामने सबा खड़ी थी.

मेरी तो हालत खराब हो गयी, एक तो मैं पूरा नंगा उप्पर से मेरा लंड खड़ा और वो भी मेरे हाथ में, वो बोली क्या कर रहा था और उसकी निगाहें मेरे लंड पर थी.

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मैने पहले तो लंड पे से अपना हाथ हटाया और उसके सवाल का जवाब तो मेरे पास था पर उसे क्या बोलता मैने चादर से लंड ढकते हुए बोला तुम आज जल्दी कैसे आगाई?

वो बोली क्यू मैं जल्दी नही आ सकती, अछा हुआ आज मैं जल्दी आगाई, अब मम्मी को बताउन्गि की तू कॉलेज से रोज़ जल्दी आके ये गंदा काम करता हैं, मैने कहा नही अपी आज पहली बार जल्दी आया हू, बोली अब सबा से अपी बन गयी, तू कुछ भी बोल ले मैं मम्मी को ज़रुरू बताउन्गि.

मेरी तो वॉट लग गयी थी क्यूकी सबा ने मुझे रंगे हाथ पकड़ा था अब वो मम्मी से बोलती और मम्मी पापा से, मेरी तो मरने वाली थी.

इसके आगे की बेहन की चुदाई की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए और अपना फीडबॅक ज़रूर दें, थॅंक्स फॉर रीडिंग, मेरी मैल आईडी है