बड़े घर की लड़की की बड़ी प्यास

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 24 साल है। मैं बचपन से ही गर्म किस्म का इंसान हूँ, हसीन लड़की या औरत मेरी कमजोरी है ! मेरा लंड 9 इंच बड़ा है, जिसकी प्यास बुझाना सबके बस की बात नहीं !

मैं अपनी पहली कहानी लेकर आपके सामने आ रहा हूँ, क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आप मुझे मेरे लंड की प्यास बुझाने का कोई उपाय बताएँ ! मेरा पहला सेक्स आपके सामने हाज़िर है !

मैं गुडगाँव से अपने कमरे पर जा रहा था जहाँ मैं अकेला रहता हूँ। मैंने कभी कोई साथी कमरे में नहीं रखा क्योंकि रात में मेरे सेक्स की आग जाग जाती है और मैं आग में जलने लगता हूँ और आप सोच ही सकते हैं कि मेरे साथ में रहने वालों का क्या हाल होगा ?

मेरे कई दोस्त मेरे लंड का स्वाद ले चुके हैं ! ये तो मेरी यौनेच्छा की बात है। मुझे कमरे तक पहुँचने के लिए बस या काल सेंटर की गाड़ी पकड़नी पड़ती है। मैं सड़क पर खड़े होकर गाड़ियों को हाथ दे रहा था कि तभी एक लम्बी कार मेरे सामने आकर रुकी, शीशा खुला, मैं देखते ही मानो होश खो बैठा ! ऐसा फिगर मैंने आज तक नहीं देखा- 36-24-32, क्या चूचियाँ थी ! गोरे गाल बिल्कुल दूध की तरह, गुलाबी होंठ जैसे बुला रहे हों कि आओ हमें चूस लो ! काले और लम्बे बाल, जो खुले हुए थे, उसकी उम्र लगभग 25 साल होगी, वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझे लगा कि मैं खड़े-खड़े झड़ जाऊँगा।

उसने पूछा- कहाँ जाना है आपको?

………नेहरू प्लेस !

उसने अंदर आने का इशारा किया और मैं चुम्बक की तरह आगे वाली सीट पर बैठ गया। मेरी नज़र उसकी चूचियों से हट ही नहीं रही थी, उसके गोरे गालो को चूमने का मन कर रहा था। उसने लाल रंग का शॉर्ट टॉप और काले रंग की जींस पहन रखी थी।

……..क्या देख रहे हो? उसने कहा।

तो मैं झिझक गया ….नहीं कुछ तो नहीं ! आप इतनी सुन्दर हैं कि कोई भी आपको देखता ही रह जाएगा !

उसने अपना हाथ गेयर की तरफ बढ़ाया और मेरी घुटने पर रख दिया। तभी मेरा लौड़ा और तन गया ! मैंने अपने लंड को दोनों हाथों से छिपा रखा था ताकि वो देख ना ले !

उतारते समय उसने अपना विज़िटिंग कार्ड देकर अगले दिन आने को कहा।

सॉरी, मैं उसका नाम बताना भूल गया- उसका नाम कोमल था,

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अगले दिन मैं दिए पते पर पहुँच गया !

दरवाजा खुला, आज कोमल कल से ज्यादा स्मार्ट लग रही थी !

उसने मुझे चाय के लिए पूछा, मैंने मना कर दिया।

कोमल उंगली का इशारा करके अपने बेडरूम में चली गई। पीछे पीछे मैं भी चला गया। वो अपने कपड़े उतारने लगी !

……..तुम कल क्या देख रहे थे ?

मैंने सोचा कि तुम्हें आज सब कुछ दिखा देती हूँ…..

इतना सुनते ही मैंने उसके होंठ चूस लिए, वो तड़प उठी जैसे बिन पानी मछली !

कोमल ने आज काले रंग की ब्रा और काले रंग की ही पैंटी पहन रखी थी। उसका जिस्म फूलों की तरह महक रहा था !

उसने अपने काले और लम्बे बाल खोल कर कहा- देख लो, जो देखना चाहते हो ! जितना करीब से चाहो !

मैं भूखे शेर की तरह टूट पडा !

मैं उसकी गोल-मटोल चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। वो मुझसे लिपट गई।

मुझे लगा कि मुझसे भी ज्यादा लोग गर्म हैं इस दुनिया में, जो जिस्म की आग में तप रहे हैं !

मैंने कोमल के जिस्म से आखिरी कपड़े भी अलग कर दिए !

अब वो मेरे कपड़े उतारने लगी तो मैं उसकी पीठ सहलाने लगा।

मैंने धीरे से उसके कान को काट लिया, उसके मुँह से उफ्फ्फ्फफ्फ़ की आवाज़ आई। वो मुझसे सांप की भांति लिपट गई।

मैंने उसे उठा कर उसकी चूचियों को मुँह में लेना चाहा तो उसने पहले चूत की तरफ इशारा किया।

मैं तभी चूत की तरफ मुड़ गया ! कोमल की चूत बिलकुल टमाटर की तरह लाल और अंगूर की तरह छोटी थी।

मैंने चूत को मुँह में ले लिया और जोर जोर से चाटने लगा ! उसके मुँह से आह आह आह आह आह आह आह आह की आवाज़ निकलने लगी।

उसने एक हाथ से मेरा लण्ड सहलाना शुरु कर दिया। उसका एक हाथ मेरे सर पर था, वो मुझे ऐसे दबा रही थी कि मानो कह रही हो- मेरी चूत में घुस जाओ !

इतनी कामुक औरत मैने अपनी जिंदगी में नहीं देखी !

मैं कोमल के ऊपर आ गया। अब मेरा लंड उसके मुँह में था और मैं उसकी चूत का स्वाद ले रहा था !

वो लंड को ऐसे चूस रही थी कि जैसे लग रहा था कि काट कर खा जाएगी !

मै उसे मना नहीं कर पाया, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था !

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20-25 मिनट तक हम एक दूसरे को चाटते रहे ! इस बीच वो दो बार पानी छोड़ चुकी थी मगर मेरा निकल ही नहीं रहा था !

मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकालना चाहा तो जिद करने लगी- मुझे पानी पीना है !

मैंने समझाया- चूत में डालेंगे तो पी लेना !

वो मान गई !

मैंने उसके होंट चूसना शुरु कर दिए और एक हाथ से कोमल की चूची मसलने लगा। वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। उसका हाथ मेरी पीठ को सहला रहा था। वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खींचा जैसे कह रही हो- मेरे जिस्म मे समा जाओ !

मैंने उसके जिस्म को ऐसे चाटना शुरु किया जैसे वो कोई लॉलीपॉप हो !

वो उफ़ उफ़ उफ़ किये जा रही थी और कह रही थी- फाड़ दो ! मेरी चूत फाड़ दो ! मेरी प्यास बुझा दो ! जानू मेरी चूत को चोद कर भोसड़ी बना दो ! मेरी प्यास बुझा दो ! मेरे जिस्म को ठंडा कर दो ! मेरी आग बुझा दो !

करीब 30 मिनट तक मैं उसे चाटता रहा ! उसने मुझे ऊपर खींच लिया- डाल दो, डालो न ! क्यों तड़पा रहे हो ? प्लीज डाल दो जानू ! मेरी जान, मेरी चूत में घुस जाओ !

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा ही था कि वो दर्द के मारे रो उठी, मैं समझ गया कि वो कुंवारी बुर थी !

बिस्तर पर खून ही खून !

वो डर गई !

मैंने उसे समझाया कि ऐसा पहली बार में होता है, बस थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा।

मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और कोमल भी मेरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दर्द हो ही न रहा हो !

मैंने पूछा तो बोली- दर्द से बड़ी प्यास है ! पहले मेरी प्यास बुझ जाये ! प्लीज फाड़ डालो ! होने दो दर्द ! फट जाने दो मेरी चूत को !

मेरा 9 इंच का लंड उसकी योनि के अंदर ऐसे जा रहा था जैसे कोई गर्म छड़ हो ! और वो बार बार कह रही थी- साली को फाड़ दो ! मेरी चूत को फाड़ दो ! मेरी जान, मेरे प्यारे राजा !

मैं उसकी चूत चोद ही रहा था कि अचानक दरवाज़ा खुला !

अब मेरे पैरों तले जमीन नहीं रही !

आगे की कहानी आपके मेल मिलने बाद ! कि मेरा क्या हुआ ? दरवाज़े के पीछे कौन था जानने के लिए मुझे मेल करें !