हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम सॅंडी है और मेरी एज 22 है, मैं रायपुर सि.जि., से हू, मैं सेक्स स्टोरीस इन हिन्दी बहुत समय से पढ़ रहा हू, और यहा की मॅक्स ऑफ स्टोरीस मैने पढ़ी है, बहुत अच्छी स्टोरीस होती है यहा पर, मैने डीके मे स्टोरीस लिखना रीसेंट्ली स्टार्ट किया है.
आई होप आप सभी ने मेरी लास्ट स्टोरी मेरी बुआ की बेटी पूजा दीदी स्टॉरी को पढ़ा होगा और सभी रीडर्स के लंड और मेरी फेवरेट चूत मे से पानी निकल गया होगा, और देसी गर्ल्स और भाभी ने अपनी चुचियो को भी बहुत मसला होगा, थॅंक्स आप सभी का बहुत अच्छा रेस्पोन्से मिल रहा है.
अब मैं आपके सामने अपनी एक नई स्टोरी पेश कर रहा हू जो की अभी अभी मेरे साथ हुई है, तो दोस्तो सभी अपने-अपने, लंड और चुत की पोज़िशन सेट कर के बैठो क्यूंकी आपको कहानी मे बहुत मज़ा आने वाला है, तो स्टार्ट कारिएन…
ये कहानी मेरे और मेरे बचपन की एक दोस्त जिसका नाम डॉली है उसके बारे मे है, डॉली मेरे घर के पास ही रहती है, और मेरा उसके घर मे आना जाना था, हम बचपन मे एक साथ ही स्कूल मे पढ़ते थे, और हम एक ही रिक्शा मे जाते थे.
हमारे रिक्शे मे एक लड़का जाता था वो अक्सर ही अपने पैंट से अपना छोटा सा लंड दिखा देता था, और मस्ती करता था, वैसे तो तब हम छोटे थे और हमे लंड चूत या चुदाई के बारे मे कोई ज़्यादा जानकारी नई थी.
ये सब बस मस्ती के लिए होता था, मैं उस समय डॉली के चेहरे की तरफ देखता रहता था, वो बिना कुछ बोले शर्मा देती थी, और उसकी खामोशी बस उस समय बहुत कुछ बयान कर देती थी.
ये सब बाते आगे चला कर मेरे लिए बहोत हेल्पफूल्ल हुई, मैं डॉली के घर अक्सर आता जाता रहता था डॉली के घर मे उसके पापा, मम्मी, उसकी एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई था, मेरी डॉली से उस समय बोहोत कम बात होती थी.
पर मेरी उसके भाई से बहुत अच्छी पटती थी क्यूंकी मैं उसके साथ खेलता और मूवी देखता था, जब हम कभी कभी छुपा-छुपी खेलते थे तो मैं हमेशा डॉली के पीछे छिपता था और झकने के बहाने मैं उससे चिपक कर खड़ा हो जाता था, उस समय सेक्स तो नई पता था पर वो फील बहुत ही अच्छा लगता था.
उसकी मम्मी बहुत ही शक्की टाइप की थी वो हमेशा से उसको लड़को से दूर रखने की कोशिश करती थी और खेलने भी कम देती थी, और उसकी बड़ी बहन से भी मेरी कुछ खास नई बनती थी.
एक दिन की बात है हम पहले शॉप से सीडी रेंट पे लेकर मूवीस देखते थे, मुझे शॉप वाला पहचानता था, तो एक दिन उसके घर मे मूवी देखने का प्लान बना तो मैं और डॉली सीडी शॉप पे गये क्यूंकी उनके घर मे किसी को भी वो सीडी नई देता.
तो हम दोनो गये, शॉप वाले ने मेरे साथ लड़की को देखा तो ऐसे ही मज़ाक मे उसने कहा था ये कौन है तो तेरी आइटम, मेरी तो उस समय फट गयी थी यार, छोटा था ना तो अचानक से ऐसे सुनने की आदत नई थी, और मेरी शाय इमेज भी, और ये सब डॉली ने भी सुना बेचारी शर्मा सी गयी.
कसम से यार मज़ा आ गया था उस दिन ये सुनकर, खैर इसके बाद हमने घर पर आकर मूवी देखी, मैं उसके छोटे भाई को काफ़ी खिलाता पिलाता था तो वो हमेशा मेरे साथ ही रहता था तो उसके घर जाने मे दिक्कत नई होती थी..
एक बार की बात है उसने तो मुझे ये तक बता दिया था की उसने अपने मम्मी-पापा की चुदाई देखी है, और वो भी अपने घर के पास की एक लड़की को लाइन मरता था और उससे पूछता था की तूने कभी उसस्से कुछ किया है, तो वो भी कहता की हा मैने उसके लिप्स पे किस किया है, और एक बार तो उसने बताया था की वो उसके चुत मे अपना लंड डाला, खैर वो सब तो ऐसे ही उसने मज़ाक किया था..
वैसे तो डॉली अंदर ही अंदर बहुत कुछ हॉट होते रहती थी, उसके पीछे बहोत से लड़के बचपन से पड़े थे, पर मेरा उसके घर आना जाना था तो मैं लिस्ट मे सबसे उपर था, सभी लोग इसीलिए डॉली को मेरी आइटम कहते थे.
एक बार की बात है डॉली के अंकल का भी घर वही पर था, उनकी भी दो बेटी और एक लड़का था सभी जवान थे और हमसे बहुत बड़े थे उनकी बड़ी बेटी गुड़िया बहुत ही सेक्सी थी मैं उनके साथ भी मेरा एक इन्सिडेंट हुआ था उसके उपर भी मैं आगे एक स्टोरी लिखूंगा.
एक दिन मैं वाहा पर ऐसे ही घूमने गया था, वाहा पर मैं ऐसे ही खेलने गया था तभी डॉली की बड़ी बहन वाहा आई, और बातो ही बतो मे मेरा उससे झगड़ा हो गया और मैं वाहा से चला गया, वैसे मेरा झगड़ा जल्दी किसी से नही होता था, पर उसकी बड़ी बेहन के लिए जैसे मैं हमेशा ही उसकी आँख की किरकिरी था.
तो वो तो हमेशा ही मुझसे लड़ने का बहाना खोजती और उसने फाइनेली चान्स मार लिया, अब मैं भी गुस्से के कारण उन लोगो के घर आना जाना बंद कर दिया, इसके बाद हमारे स्कूल चेंज हो गये और मैं डॉली से 4-5 साल तक डॉली से कोई कॉंटॅक्ट नई हुआ …
आगे कैसे मैं उससे फिर मिला, कैसे मैने उससे बात की, मैने कैसे उसे पटाया, और आगे क्या क्या हुआ ये सब कुछ जानने के लिए आगे की स्टॉरी का वेट करें कहानी मे अभी बहुत कुछ होगा.
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट सेक्षन मे ज़रूर लिखे, ताकि देसीकाहानी पर कहानियों का ये दौर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.