बाप बेटी की चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि मैं पैसे के लालच में कालगर्ल बन गयी. एक बार मैं एक होटल में कमरे में ग्राहक के पास गयी तो मैंने क्या देखा?
हैलो … मैं जया एक बार फिर से अपनी पहली चुदाई की कहानी में आपका स्वागत करती हूँ.
बाप बेटी की चुदाई स्टोरी के पहले भाग
कॉलेज गर्ल ने अपना कौमार्य बेच दिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी सहेली सीमा की मदद से एक कॉलगर्ल बन गई थी और एक अंकल से अपनी चुत चुदवाने के लिए टांगें खोल कर लेटी थी.
अब आगे बाप बेटी की चुदाई स्टोरी:
इस कहानी को लड़की की कामुक आवाज में सुनें.
मेरी खुली चुत को अपने हाथ से सहला कर अंकल मेरे ऊपर चढ़ गए. मेरा पूरा शरीर अंकल की बॉडी की नीचे दबा हुआ था.
अंकल ने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपना लंड चुत पर सैट किया. मेरे होंठ अपने होंठों में दबा लिए और अपनी पूरी ताकत लगा कर एक ऐसा शॉट मारा कि उनका लंड मेरी चुत की सील तोड़ कर अस्सी फीसदी यानि लगभग 6 इंच लंड अन्दर घुस गया.
मेरी तो जैसे जान ही निकल गई. दर्द के कारण मेरे मुँह से कोई आवाज नहीं निकल रही थी.
मुझे थोड़ी बेहोशी की लहर आ गई थी. मेरा पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था.
पांच मिनट बाद मुझे थोड़ा होश आया. अंकल लंड थोड़ा थोड़ा आगे पीछे कर रहे थे. अब मेरा भी दर्द कम हो गया था … मैंने अपनी बांहें उनके गले में डाल दी थीं.
कुछ ही देर में मुझे भी मजा आने लगा था. अब अंकल मुझे फुल स्पीड में चोद रहे थे. उनका पूरा 7 इंच लंड चुत के अन्दर जा रहा था.
दस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद अंकल ने लंड चुत से बाहर निकाल लिया. उनका पूरा लंड खून से भीग चुका था. मेरी भी चुत से काफी खून बह चुका था.
अंकल ने मुझे डॉगी स्टाईल में सैट किया और मेरे पीछे आकर अपना लंड चुत पर सैट कर दिया.
फिर धीरे धीरे अंकल ने पूरा लंड चुत के अन्दर घुसा दिया. इस बार मुझे भी थोड़ा ही दर्द हुआ. वो मैं सहन कर गई.
धीरे धीरे अंकल ने स्पीड बढ़ा दी. अब पूरे रूम में मेरी गांड और अंकल की जांघों के टकराने की थप थप की आवाजें गूंज रही थीं.
काफी लम्बी चुदाई के बाद अंकल का पानी निकलने को आया तो अंकल ने झट से अपना लंड चुत से निकाल कर मेरे चेहरे के पास कर दिया.
वो मेरे मुँह के पास आकर जोर जोर से लंड हिलाने लगे.
कुछ ही देर में लंड से वीर्य की एक जोरदार पिचकारी निकली और मेरे चेहरे पर आ गिरी.
वैसे ही 5-6 पिचकारियां लगातार मेरे मुँह पर गिरीं.
मेरा पूरा मुँह अंकल के गाढ़े माल से भीग चुका था. मैं वैसी ही बेड पर पड़ी थी.
अंकल भी अब शांत हो गए थे. मुझे बहुत थकान महसूस हो रही थी. अब अंकल उठ कर बाथरूम में चले गए.
मुझे बेड पर पड़े पड़े कब नींद लग गई, पता ही नहीं चला.
करीब शाम के 4 बजे मेरी नींद खुल गई. मैं वैसे नंगी ही बेड पर पड़ी थी. मेरे चेहरे पर जो वीर्य लगा था वो अब सूख कर थोड़ा कड़क हो गया था.
मैं उठ कर बाथरूम में गई. अपने शरीर को साफ किया और रूम में खड़ी होकर अंकल को आवाज दी, पर उनका कोई जवाब नहीं आया.
मैं वैसे नंगी ही रूम से बाहर आई … तो किचन से एक 40-45 साल की औरत बाहर आई.
वो मुझे देख कर थोड़ा हंस दी.
फिर वो बोली- उठ गई तुम … कपड़े पहन कर आओ. तब तक मैं तुम्हारे लिए चाय बनाती हूँ.
मैं रूम में गई और अपने कपड़े पहन कर बाहर हॉल में आकर सोफे पर बैठ गई.
मुझे चलते वक्त अपने चुत में बहुत दर्द महसूस हो रहा था.
थोड़ी देर में वो औरत हाथ में चाय के 2 कप लेकर आई और मेरे पास बैठ गई.
उसने मुझे चाय दी और वो खुद भी पीने लगी.
चाय खत्म करने के बाद उसने मुझसे पूछा- वैसे बेटी, तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने कहा- जी आंटी मेरा नाम जया है. वैसे आप कौन! जब मैं आई थी, तब आप यहां नहीं थीं.
उसने कहा- बेटी मैं इस घर की नौकरानी हूँ … साब जब कहीं बाहर जाते हैं, तब मैं घर का ख्याल रखती हूँ. जब मैं आई थी, तब तुम सो रही थीं. इसलिए मैंने तुम्हें जगाया नहीं. तुम अच्छे परिवार से लगती हो, फिर ये सब कैसे!
मैंने कहा- आंटी घर में पैसों की प्रॉब्लम थी … इसलिए.
आंटी बोली- कोई बात नहीं, रुको मैं अभी आई.
ऐसा कहकर वो एक रूम में चली गई और अन्दर से हाथ में एक पैसों का बंडल लेकर आई.
मुझे रूपए देते हुए बोली- ये लो बेटी, तुम्हारे 50000 रुपये.
मैंने आंटी से पैसे ले लिए.
फिर आंटी बोली- बेटी तुम्हारी चुत काफी सूज चुकी है … इसलिए रात को सोते समय गरम दूध में थोड़ी हल्दी डाल कर पी लेना. तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा.
मैंने कहा- जी आंटी.
फिर मैं वहां से बाहर आ गई. मैंने सीमा को फोन किया.
सीमा ने मुझे एक होटल में बुलाया.
मैं वहां गई.
सीमा ओर वो दलाल पहले ही वहां पर आ चुके थे.
मैं उनके पास गई.
शर्मा जी ने पूछा- काम हो गया?
मैंने अपने पर्स से 50000 निकाले और शर्मा जी को दे दिए.
शर्मा जी ने अपने 10% निकाल लिए और बाकी मुझे वापस कर दिए.
उन्होंने जाते जाते मुझे दूसरे दिन के लिए भी रेडी रहने को कहा.
फिर वो चले गए, मुझे भी काफी पैसे मिल गए थे … तो मैंने भी सीमा को एक छोटी पार्टी दी और घर आ गई.
मुझे चुत में थोड़ा दर्द हो रहा था, तो मैंने मां को पेट दर्द का बहाना बना दिया और सोने चली गई.
सुबह उठ कर कॉलेज को तैयार हुई और आ गई. आज भी शर्मा जी ने मुझे नये ग्राहक के पास भेजा.
अब 6 महीने बीत चुके थे. मेरा रहन सहन काफी बदल चुका था.
और सबसे ज्यादा बदलाव मेरी बॉडी में हो गए थे. अब मेरे चूचे तो ऐसे हो गए थे कि किसी भी आदमी के एक हाथ में मेरा एक दूध समा ही नहीं सकता था.
मेरी गांड भी काफी चौड़ी और बड़ी हो गई थी. मैं एक पूरी अविवाहित औरत बन चुकी थी. रोज नये नये लंड … और उनका पानी पीकर मेरा चेहरे की चमक देखते ही बन रही थी. मां बाप को झूठ बोल बोल कर काफी मॉडर्न और महंगे कपड़े मोबाईल और बाकी सामान यूज करने लगी थी.
फिर अचानक मेरी लाइफ में एक ऐसा दिन आया, जिसने मेरी पूरी दुनिया ही बदल कर रख दी.
हुआ यूं कि रोज की तरह मैं कॉलेज आ गई. तभी मुझे शर्मा जी का फोन आया.
शर्मा जी ने मुझे बताया कि एक ग्राहक आया है वो अच्छी रकम दे रहा है. तू बोले तो फिक्स कर दूँ क्या?
मैंने बोला- ठीक है कर दीजिए और उसका पता मुझे भेज दीजिए.
अब 6 महीने में मेरा रेट भी काफी कम हो गया था.
थोड़ी ही देर में मुझे एक बहुत ही सस्ती लॉज का पता आ गया. उस लॉज में मैं कई बार बहुत से लोगों के साथ चुदने जा चुकी थी. वो लॉज रंडियों के लिए ही फेमस था.
उस पते के साथ एक मोबाईल नम्बर भी था. मैंने उस नंबर पर मैसेज किया.
मुझे रिप्लाय आया कि रूम नंबर 9 में आ जाओ.
मैं रूम नम्बर 9 के दरवाजे के पास गई और दरवाजा थोड़ा बजाया.
अन्दर से एक आदमी ने दरवाजा खोला. अन्दर के आदमी को देख कर मेरे पैरों के नीचे से जैसे जमीन ही खिसक गई.
अन्दर कोई दूसरा न होकर मेरे पापा किशोर ही थे.
पापा अपने कपड़े उतार कर सिर्फ अंडरवियर में ही थे. पापा भी मुझे देख कर थोड़े विचलित हो गए थे.
मेरे मुँह से निकला- पापा आप!
रूम के बाहर काफी लोग आ जा रहे थे, तो मैं अन्दर चली गई और दरवाजा बंद कर दिया.
अन्दर जाते ही पापा मुझे बोले- जया कॉलेज जाकर तुम ये काम कर रही हो? तुमने तो मेरी पूरी इज्जत मिट्टी में मिला दी है. हे भगवान … तूने मुझे कैसी छिनाल बेटी दी है. काश … ये पैदा होते ही क्यों नहीं मर गई?
पापा मुझे काफी गंदी गंदी गालियां दे रहे थे.
तो मुझे भी काफी गुस्सा आ गया. मैंने भी पापा को गालियां देनी शुरू कर दीं.
मैंने पापा से कहा- अबे ये साले तू होगा कोई छिनाल का बेटा … गालिया क्यों दे रहा है साले … मैं यहां चुदने आई हूँ तो तू क्या यहां रंडी खाने में क्या भजन करने आया है?
मैं बस इतना ही बोल पाई कि पापा ने मुझे एक थप्पड़ दे मारा और मुझे पकड़ कर बेड पर पटक दिया.
वो मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरे मम्मों को दबाने लगे और साथ साथ गर्दन पर किस करने लगे.
मैंने भी पापा को अपनी बांहों में भर लिया और उनका साथ देने लगी.
अब पापा मुझे लिपकिस करने लगे. पापा मेरी पूरी जीभ चूस रहे थे. मैं अपनी पूरी जीभ पापा के मुँह में घुसा रही थी.
पांच मिनट बाद मैं पापा से अलग हो गई और फटाफट अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो गई.
मैंने पापा का भी अंडरवियर निकाल दिया. पापा का लंड देख कर तो जैसे मेरे मुँह में पानी ही आ गया. पूरे 9 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लगभग मेरे हाथ की कलाई जैसा मोटा लंड था. पापा बेड पर लेटे थे और उनका लंड किसी टॉवर जैसा खड़ा था.
मैं पापा के ऊपर 69 की पोजीशन में आ गई. अब पापा का लंड मेरे मुँह में … और मेरी चुत पापा के मुँह पर लग गई थी.
पापा मेरी चुत पूरी निचोड़ निचोड़ कर चूस रहे थे. मैं भी पापा का लंड जितना मुँह में घुस सकता था, उतना ले रही थी.
लगभग दस मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे का आइटम खूब चूसा.
अब मैं बेड पर सीधा लेट गई. पापा ने मेरे पैर उठा कर अपने कंधों पर ले लिए और नीचे से अपना लंड चुत पर सैट कर दिया. अब पापा ने एक जोर का झटका मारा तो उनका आधा लंड चुत में घुसता चला गया. मेरे मुँह से एक मीठी सी ‘अहहह ..’ निकल गई. आवाज आते ही पापा ने वैसे ही एक दूसरा झटका पूरी ताकत से दे मारा और उनका पूरा 9 इंच का लंड मेरी चुत में घुसता चला गया.
इस बार मुझे काफी दर्द हुआ और मेरे मुँह से जोर का आवाज निकल गई. मगर पापा ने बिना रुके मेरी चुदाई शुरू कर दी. कुछ ही पलों बाद पूरे रूम में हम दोनों बाप बेटी की चुदाई की आवाजें गूंजने लगी थीं.
मेरे मुँह से आवाज निकल रही थी- ओहह पापा … आह चोदो मुझे … आहह बुझा दो अपनी रंडी बेटी की प्यास उहह आअहह आई लव यू पापा.
पापा बोले- लव यू मेरी जान … क्या बदन है तेरा … हहहह आआ आह ले लंड ले अपने बाप का आह … मैं न जाने कब से तुझे चोदने के लिए बेचैन था.
काफी देर की धुआंधार चुदाई के बाद पापा बोले- बेटी मेरा माल निकलने वाला है.
ये सुन कर मैंने अपनी चुत से पापा का लंड निकाला और झट से सीधी होकर अपने मुँह में पापा का लंड ले लिया.
मैं जोर जोर से पापा का लंड चूसने लगी.
कुछ ही देर में पापा के लंड से काफी सारा माल निकल कर मेरे मुँह में आ गिरा.
पापा ने आह करते हुए अपने पूरे लंड को मेरे मुँह में ही निचोड़ा और धीरे से अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया.
मेरे मुँह में पापा के लंड का काफी सारा माल था. मैंने धीरे से अपना मुँह बंद किया और आंख बंद करके पापा के लौड़े के माल को पूरा पी गई.
ये देख कर पापा के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आ गई.
मैं अपने पापा के लौड़े से चुदने के बाद बेड पर लेट गई. मेरे बगल में पापा भी लेट गए.
मैंने अपना सर पापा के कंधे पर रख दिया और एक टांग पापा के ऊपर चढ़ा ली.
मैं अपने हाथ से पापा की छाती सहलाते हुए बोली- सॉरी पापा.
पापा बोले- किस बात के लिए सॉरी बेटी.
मैं बोली- मैंने आपको गालियां दी थीं ना … उसके लिए. मुझे आपसे ऐसे नहीं बोलना चाहिए था.
पापा मेरा एक दूध हाथ में पकड़ कर दबाते हुए बोले- अरे मेरी जान, अगर तू गालियां नहीं देती … तो तुझे चोदने की मेरी कैसी हिम्मत होती और पता नहीं कब तक मुझे तेरी पैंटी पर ही मुठ मारनी पड़ती.
मैं चौंक कर बोली- क्या बात कर रहे हो पापा … आप मेरी पैंटी पर मुठ मारते थे?
पापा मेरे माथे को चूम कर बोले- हां मेरी जान.
मैं बोली- ओहो पापा … आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले. खुद की सगी बेटी की पैंटी तक को नहीं छोड़ा.
पापा बोले- बेटी तुझे देख कर तो 80 साल के बुड्ढे का लंड भी खड़ा हो जाए … मैं तो अभी सिर्फ 52 साल का ही हूँ.
मैं बोली- हम्म … 52 के हो, लेकिन स्टॅमिना अभी भी 25 साल के लड़के जैसा है.
पापा हंस दिए.
मैं बोली- पापा अगर मुझे देख कर आपका इतना ही लंड खड़ा हो रहा था … तो घर में ही पटक कर क्यों नहीं चोद दिया. मैं कौन सा मना कर देती.
पापा बोले- अरे बेटी, मैं तो तुझे उस दिन ही चोदने वाला था … जब तुमने वो सफेद पतली पैंट और लाल टी-शर्ट पहनी थी. सच में उस ड्रेस में तेरा फिगर क्या मस्त दिख रहा था. तेरी मां को मैंने उस रात को तुझे ही समझ कर 3 बार चोदा था.
तभी अचानक मेरा मोबाईल बजा. शर्मा जी का फोन था. उन्होंने कोई दूसरा ग्राहक बताया था.
मैंने उन्हें पता सेंड करने को कहा और फोन काट दिया.
मैं पापा से बोली- चालिये पापा, मुझे दूसरे ग्राहक के पास जाना है. रात को घर पर बैठ कर बातें करेंगे.
पापा बोले- ठीक है बेटी जाओ.
मैंने अपने कपड़े पहने और जाने को तैयार हो गई.
मैंने पापा से पूछा- आपके पास इतने पैसे किधर से आए? आपकी तनख्वाह तो इतनी है नहीं कि आप कॉल गर्ल पर इतने पैसे खर्च कर सको!
पापा- मैंने अपने बैंक में कुछ पैसे जमा कर रखे थे, उसी में से तेरे लिए निकाले थे.
फिर पापा ने अपने जेब से रूपये निकाल के मुझे दे दिए, तो मैंने उसमें से सिर्फ शर्मा जी का कमीशन निकाला और बाकी पापा को वापस दे दिए.
बिना कुछ बोले मैं पापा को बाय कहकर वहां से अपनी गांड मटकाते हुए निकल गई.
कैसी लगी आपको मेरी बाप बेटी की चुदाई स्टोरी? मुझे बताएं.
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