रज़िया शेख नाम की एक आंटी सेक्स की प्यासी थी, यह मुझे तब पता चला जब एक दिन उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया.
पूरी बात कहानी में पढ़ कर मजा लें!
दोस्तो.. ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है। मेरा नाम प्रणव चोपड़ा है.. मेरा लंड 6.5 इंच लम्बा और खीरे जैसे मोटा है। मैं नाँदेड (महाराष्ट्र) में रहता हूँ।
यह उन दिनों की बात है.. जब मैं इंजीनियरिंग के सेकेंड ईयर में था.. उस वक्त मैंने हॉस्टल छोड़ कर किराए पर एक रूम ले लिया था। मेरे कमरे के सामने वाले घर में एक आंटी रहती थीं.. वो बहुत ही गोरी और सेक्सी थीं, उनकी उम्र 29 साल थी। उनका फिगर 38-32-42 का था।
आंटी ग़रीब घर से थीं और उन्हें लड़की पैदा हो गई थी.. इसीलिए आंटी के पति ने उनको छोड़ दिया था।
आंटी अब अपनी माँ के साथ रहती थीं। उनको देख कर ही चोदने का मन करने लगता था लेकिन मैंने शुरुआत में उनको गंदी नज़र से नहीं देखा था।
एक दिन की बात है.. आंटी कपड़े धो रही थीं.. इस वजह से उनका सारा बदन गीला हो गया था। उस वक्त आंटी बहुत ही सेक्सी लग रही थीं और मैं उन्हें एकटक देख रहा था।
तभी आंटी ने मुझे घूरते हुए देख लिया तो वो अपने घर के अन्दर चली गईं।
फिर वो थोड़ी देर से बाहर आ गईं और उन्होंने मुझे बुलाया- अरे प्रणव, ज़रा इधर तो आना!
मैं- जी आया.. बोलो आंटी क्या हुआ?
आंटी- मेरा एक काम करोगे?
मैं- हाँ ज़रूर.. आपके लिए तो कुछ भी करूँगा।
आंटी- थोड़ी देर तक तुम बेबी के साथ खेलो ना.. वो बहुत रो रही है।
मैं ‘ठीक है आंटी’ बोल कर बेबी के साथ खेलने के लिए उनके घर के अन्दर चला गया।
थोड़ी देर बाद आंटी अन्दर आ गईं और उन्होंने मुझसे कहा- लाओ अब बेबी को मुझे दे दो.. मैं उसे दूध पिला देती हूँ।
मैंने बेबी को उन्हें दे दिया.. तो आंटी ने मेरे सामने ही ब्लाउज खोलकर दूध पिलाना शुरू कर दिया।
मैं उनके बड़े-बड़े मम्मों को देखता ही रह गया।
तभी आंटी ने मुझे देखते हुए कहा- ऐसे क्या देख रहे हो.. कभी चूचे नहीं देखे क्या?
आंटी सेक्स के शब्द इस प्रकार बोलेंगी, मुझे ज़रा भी आभास नहीं था, उनकी बिंदास भाषा सुन कर मैं थोड़ा चौंका।
फिर मैंने नज़रें हटा कर मुस्कुराते हुए कहा- नहीं देखे ना… तभी तो देख रहा हूँ।
तब आंटी ने हँस कर कहा- तुम तो बड़े शैतान हो।
उसके बाद मैं अपने कमरे पर आया, मेरी तो नींद ही उड़ गई थी, बार-बार आँखों के सामने आंटी के चूचे आ रहे थे, मुझे अब आंटी को चोदने का मन कर रहा था।
दूसरे दिन जब मैं कॉलेज से आ रहा था.. तब आंटी ने मुझे बुलाया और मुस्कुरा कर कहा- आज रात खाना मेरे घर खाने आ जाना।
मैंने ‘हाँ’ कर दी और मैं कमरे पर चला गया।
रात के 8 बजे आंटी ने मुझे आवाज़ दी और मैं उनके घर चला गया। तभी मैंने आंटी से पूछा- आज आपकी माँ नहीं दिख रही हैं.. वे कहाँ हैं?
आंटी ने कहा- वो 15 दिन के लिए गाँव गई हैं।
मेरे मन में तो ये सोच कर लड्डू फूट रहे थे कि अब आंटी सेक्स के लिए तैयार हो सकती हैं, आंटी को चोदने का चान्स मिल सकता है।
तभी आंटी ने पूछा- कहाँ खो गए?
मैंने कहा- कुछ नहीं.. बस यूं ही!
उसके बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया और मैं बेबी के साथ खेलने बैठ गया। आंटी घर के बाकी काम करने लगीं।
आधे घंटे बाद बेबी सो गई और मैं टीवी देखने लगा, इस वक्त 11 बज रहे थे।
थोड़ी देर में आंटी आ गईं और उन्होंने मुझसे कहा- अब इतनी रात में रूम पर मत जाओ.. यहीं मेरे और बेबी के साथ सो जाओ।
मैंने तुरंत ‘हाँ’ कर दी।
फिर हम दोनों सोने के लिए बिस्तर पर आ गए। आंटी को और मुझे नींद नहीं आ रही थी.. इसीलिए हम दोनों बातें करने लगे।
आंटी ने पूछा- प्रणव तुम्हारी गर्लफ्रेंड का नाम क्या है?
मैंने कहा- आंटी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
तब आंटी ने कहा- झूठ मत बोलो.. तुम दिखने में इतने स्मार्ट हो और तुम्हारी बॉडी भी मस्त है.. तुम्हें तो कोई भी लड़की पसंद कर सकती है।
मैंने कहा- आंटी ऐसा नहीं है..!
‘फिर कैसा है.. क्या तुम्हें कोई पसंद नहीं आती क्या?’
‘मुझे आप पसंद हो..’
आंटी ने एकदम से हंसते हुए कहा- चल बदमाश.. मैं इतनी सुंदर होती तो मेरा पति मुझे छोड़ कर नहीं जाता।
मैंने कहा- उसे पता नहीं कि उसने क्या माल छोड़ दिया है।
फिर आंटी ने कहा- तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो?
मैंने कहा- कुछ भी.. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ.. मुझे आपके चूचे बहुत ज्यादा पसंद हैं।
आंटी ने कहा- ज्यादा मक्खन मत लगा मुझे!
मैंने कहा- आंटी आई रियली लव यू.. मैं आपको प्यार करना चाहता हूँ।
आंटी ने स्माइल दे दी तो मैं समझ गया कि आंटी को मेरी ज़रूरत है, मैंने मौके का फायदा उठाया और आंटी को किस कर दिया।
आंटी ने कहा- प्रणव ये ग़लत है.. हम ऐसा नहीं कर सकते।
लेकिन मैंने आंटी की एक नहीं सुनी और मैंने उनको फिर से किस किया। इस बार मैं एक हाथ से उनके चूचे को दबाने लगा.. साथ ही अपने पैरों को आंटी के पैरों के ऊपर रख कर अपने लंड को उनकी जाँघों से टच कर रहा था।
अबकी बार आंटी ने कुछ नहीं कहा, तो मैंने आंटी को किस करते-करते उनका ब्लाउज खोल दिया। अब मैं उनके मम्मों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और निप्पलों को दांत से काटने लगा। मेरे मुँह में आंटी का दूध आने लगा।
आंटी गरमा उठीं और जोर-जोर कामुकता से लबरेज सीत्कारें लेने लगीं ‘अहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ़ अहह.. और जोर से प्रणव.. पी जाओ मेरा सारा का सारा दूध..’
मैंने कहा- हाँ मेरी जान.. आज आपको फुल मजा दे दूँगा।
अब मैंने आंटी की साड़ी पेटीकोट उतार दिया। आंटी ने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी, उनकी चुत पूरी गीली हो गई थी।
मैं एक हाथ से आंटी की चुत को सहला रहा था और मम्मों का दूध भी पी रहा था।
क्या बताऊँ यारों.. उनके मम्मों के अन्दर इतना दूध था और उसका टेस्ट भी बड़ा लाजवाब था।
आंटी सेक्स की प्यास से तड़पते हुए बोली- प्रणव मुझे और मत तड़पाओ.. मुझे जल्दी से चोद दो.. मैं एक साल से चुदी नहीं हूँ।
मैंने कहा- रूको तो मेरी जान.. अभी तो मुझे तुम्हारी चुत का रस भी पीना है।
जैसे ही मैंने अपनी जीभ आंटी की चुत पर रखी.. आंटी जोर से मेरे सर को अपनी चुत के अन्दर दबाने लगीं, आंटी सेक्स भरे, चुदास भरे स्वर में कहने लगीं- पियो मेरे राजा.. अह.. मेरी चुत का रस पी लो.. अह..
जैसे ही मैंने जीभ अन्दर करके चुत को चूसना शुरू किया.. आंटी आहें भरने लगीं ‘आहह.. उफफ्फ़.. मेरी चुत के राजा.. और जोर से चूसो.. आहह.. उफफ्फ़..’
मैं और जोर से चुत चूसने लगा।
आंटी ने कहा- आह मैं झड़ने वाली हूँ।
अभी मैं कुछ जबाव देता कि वो झड़ गईं.. मैं भी रस चाट गया।
फिर मैंने आंटी के दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड को उनकी चुत के अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगा। आंटी की चुत इतनी ज्यादा टाइट हो चुकी थी कि मेरा मोटा लंड अन्दर ही नहीं घुस नहीं रहा था।
मैंने अपने लंड का सुपारा ध्यान से चूत में फंसा कर एक जोर का धक्का मारा.. तो मेरा आधा लंड आंटी की चुत में घुसता चला गया।
आंटी जोर-जोर से चिल्लाने लगीं- हाय मैं मर गई.. तूने तो मेरी चुत फाड़ दी।
वो रो रही थीं।
फिर मैंने आंटी को किस करते-करते और एक जोर का धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया।
अब धकापेल चुदाई होने लगीं आंटी भी कुछ देर के दर्द के बाद गांड उछाल कर मजा लेने लगीं।
कुछ मिनट बाद मैं उनकी ही चुत में झड़ गया। फिर हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर नंगे ही लेट गए।
आधे घंटे के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। अब मैंने आंटी को लंड चूसने को कहा.. तो पहले उन्होंने मना किया, लेकिन मेरे कहने के बाद उन्होंने लंड चूसा।
हाय.. दोस्तों उन्होंने इस कदर मेरा लंड चूसा कि मैं बता नहीं सकता।
उस रात हम दोनों ने 5 बार चुदाई की और मैंने आंटी की गांड भी मारी।
सुबह जब हम उठे तब मैंने आंटी का जी भरके दूध पिया और कॉलेज चला गया। उस दिन के बाद से मैंने आंटी के साथ 14 दिन तक भरपूर सेक्स किया। अब जब मुझे टाइम और मौका मिलता है मैं आंटी को दम से चोदता हूँ और उनका दूध भी पीता हूँ।
तो साथियो, आंटी सेक्स स्टोरी कैसी लगी.. मुझे ज़रूर बताना, मैं आपके मेल का इंतजार करूँगा।
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