आंटी की गांड मार कर जब मैं कॉल बॉय बना

दोस्तो, मैं सैम अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और पार्ट टाइम कॉल बॉय का काम करता हूँ. आज मैं आपको अपनी पहली इंडियन सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ. ये कहानी मेरी आपबीती है जो कि 4 महीने पहले मेरे साथ घटित हुई.

पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरी उम्र 21 साल है और मैं चंडीगढ़ में रहकर बी.ए. कर रहा हूँ. मेरी हाईट 5.7 है. मेरा लंड 7 इंच का है जो किसी कॉलगर्ल की भी चीखें निकाल सकता है. मुझे एक्सरसाइज करने का शौक है, जिसकी वजह से मेरा शरीर काफी हट्टा-कट्टा है.
बहुत सी लड़कियाँ कॉलेज में मुझ पर मरती हैं लेकिन चंडीगढ़ की लड़कियां भाव बहुत ज्यादा खाती हैं इसलिए मैं कॉलेज में लड़कियों को ज्यादा नहीं देखता. वैसे भी कॉलेज की लड़कियां बहुत स्लिम सी होती हैं और मुझे स्लिम लड़कियां ज्यादा पसंद नहीं हैं. मुझे यहाँ की आटियां बहुत पसंद हैं, उनकी गदराई सी जवानी देख कर मेरे भी बदन में करंट दौड़ जाता है.

ये कहानी तब की है, जब मैंने कॉलेज जाना शुरू किया था. तब मैं शाम को एक्सरसाइज करने यूनिवर्सिटी के ग्राउंड में जाता था.

एक दिन मैं यूनिवर्सिटी गया हुआ था तो वहां पे रात को दोस्त के साथ रुकने का प्रोग्राम था, पर बाद में मेरे दोस्त को कुछ काम आ गया और वो वहां से जल्दी में चला गया. अब मुझे भी रात को अपने घर आना पड़ा.

पर चंडीगढ़ शहर रात को जल्दी ही बंद हो जाता है तो वहाँ पे ऑटो रिक्शा भी नहीं था. वैसे भी मौसम अच्छा था तो मैं रात को पैदल ही चल पड़ा.
उस समय रात के 11:30 के करीब टाइम था. मैं थोड़ी दूर ही गया था कि एक गाड़ी मेरे पास में आकर रुकी, गाड़ी में एक सुंदर सी औरत बैठी थी. उसने गाड़ी रोक कर पूछा- मे आई हेल्प यू?
तो मैंने भी बोल दिया- मुझे तो हेल्प नहीं चाहिए पर अगर आपको हेल्प चाहिए तो बताइए… मैं मदद कर सकता हूँ.

ये बातें करते हुए मैं उसकी गाड़ी के पास चला गया.
उसने मेरे लंड को हाथ लगा दिया और बोली- मुझे तो इसके साथ खेलना है.
मैंने कहा- मैं ऐसा लड़का नहीं हूँ जैसा आप सोच रही हैं.
तो उसने कहा- चलो तो मैं तुम्हें घर छोड़ देती हूँ.

मैं उसके साथ गाड़ी में बैठ गया. अभी हम थोड़ी दूर ही गए थे कि उसके हाथ मेरे लंड को छूने लगे. अब क्या बताऊं दोस्तों… उसके हाथ लगते ही मेरी सारी बॉडी में करंट आ गया और मेरा लंड राकेट की तरह सीधा खड़ा हो गया.

वो बोली- मन तो तुम्हारा भी कर रहा है… फिर तुम मना क्यों कर रहे हो?
मैंने कहा- मैं बिना जाने पहचाने सेक्स नहीं कर सकता.
बोली- तो उसमें क्या है, जान-पहचान कर लेते हैं.

हम दोनों ने अपना परिचय दिया. उसने अपना नाम हरमीत कौर बताया. अब हम चलती गाड़ी में ही एक-दूसरे को छूने लगे. उसने मेरा लंड पैंट से बाहर निकाल दिया. वो मेरा बड़ा लंड देखकर खुश हो गई. खुशी उसके चेहरे पे साफ़ झलक रही थी.

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मेरा लंड खड़ा होने की वजह से काफी गरम हो गया था. अब मैंने भी उस की सलवार के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी.

फिर थोड़ी देर में ही हम उसके घर पहुँच गए. उसका घर देखने में बहुत शानदार था. उसने बताया कि उसकी शादी को 3 साल हो गए हैं लेकिन उसके पति बिजनेसमैन हैं तो उनको बहुत बार बाहर जाना पड़ता है. वो महीने 3-4 दिन ही घर पर रुक पाते हैं. वो अकेली घर पर बोर हो जाती है और वो खुद एक टीचर है.

उसके फिगर के बारे में बताना तो मैं भूल ही गया. उसका फिगर 34-30-36 का है.

अब हम सीधा उसके बेडरूम में आ गए. अन्दर जाते ही हमने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया. हमारी दोनों की जीभ आपस में खेल रही थीं. हम दोनों एक दूसरे की जीभों को काट रहे थे. हमने 10 मिनट तक किस किया. फिर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए उसने मेरे कपड़े उतारते ही मेरा लंड मुंह में ले लिया.

मुझे लंड चुसवाने में इतना मजा आ रहा था कि मैं आपको बयां भी नहीं कर सकता. मैंने इससे पहले कभी सेक्स नहीं किया था इसलिए मेरे लिंग की खाल पीछे नहीं होती थी. वो मेरे लंड को ऊपर से ही चूस रही थी.

इतने में वो अपने कपड़े भी निकाल चुकी थी. उसने मुझे चूत चाटने को बोला और कहा- आज मैं पूरी तुम्हारी हूँ; तुम जो भी मेरे साथ करना चाहो कर सकते हो.

पहले तो मेरा मन नहीं किया पर जब मैंने उसकी चूत देखी तो मैं खुद को रोक ही नहीं पाया. उसकी चूत बिल्कुल क्लीन शेव थी और गुलाबी रंग की थी. मैंने पांच मिनट तक उसकी चूत चाटी. इस दौरान वो काफी गरम हो चुकी थी और मेरा लंड लेने के लिए मचल रही थी.
वो 69 में होकर मेरे लंड को चाटते हुए बोली- तेरा लौड़ा तो मेरे पति के लौड़े से भी बड़ा और मोटा है.
मैं एक हाथ की दो उंगलियाँ उसकी चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था और आज मैं हरमीत की गांड भी मारना चाहता था.

मैंने गांड में उंगली लगाई तो हरमीत भी यह समझ गई और बोली- साले, गांड में उंगली क्यों डाल रहा है.
मैंने हँसते हुए कहा- अभी तूने ही तो मुझे कहा था कि कैसे भी चोद ले… और अब कह रही है कि गांड में क्यों उंगली डाल रहा है. अरे मेरी जान मैं तो गांड भी मारूंगा ना…!

यह कहते हुए मैंने उसकी कमर पकड़ कर उसको उल्टा किया और उसको एक कुतिया की तरह बैठा दिया. मैं हाथ बढ़ा कर जोर-जोर से उसके मम्मों को दबाने लगा. वो तो जैसे पागल ही हो गई और जोर-जोर ‘आआहह…’ की आवाजें निकालने लगी.
फिर मैंने अपने लंड में बहुत सारा तेल लगाया और उसकी गांड के छेद में भी तेल की शीशी खाली करके अपना लंड उसकी गांड के छेद पर घिसने लगा.

तब हरमीत बोल उठी- सैम, ज़रा आराम से करना… अभी तक मैं गांड से कुंवारी हूँ.
मैंने हँसते हुए उसके मम्मों को दबाते हुए कहा- मेरी रानी, पहली बार थोड़ा दर्द तो होगा ही… लेकिन फिर तुझे बहुत मजा आएगा.

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बस उससे यूँ ही बात करते-करते मैंने अचानक से उसके पिछवाड़े में अपने लंड का टोपा डाल दिया.
जैसे ही लंड अन्दर गया… वैसे ही उसकी जान बाहर आ गई, वो जोर से चिल्ला उठी- प्लीज़ सैम प्लीज़, लंड बाहर निकालो… बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसकी कमर सख्ती से पकड़ रखी थी ताकि वो मेरा लंड निकाल ना पाए.

मैं इसी पोजीशन में कुछ देर खड़ा रहा और एक हाथ नीचे करके उसकी चूत को मसलने लगा… ताकि उसको थोड़ा आराम मिले और वो दर्द को भूल जाए.
वही हुआ… थोड़ी देर में जब वो अपनी चूत में उंगली का मजा ले रही थी… तो मैंने फिर एक जोर का धक्का दे मारा और लंड उसकी गांड की गहराई में घुसा दिया.

वो जोर से चीखी और मुझे गंदी-गंदी गालियाँ देने लगी, रोते हुए कहने लगी- साले मादरचोद… भेनचोद निकाल अपना लंड. मैं कोई रंडी हूँ क्या… जो मेरी गांड में ऐसे लंड पेल रहा है… भोसड़ी के… अपना लौड़ा निकालता है या नहीं?

यह सुन कर मुझे डर भी लगा क्योंकि मुझे तब तक ज्यादा एक्सपीरिएंस नहीं था और जोश भी आ गया और मैं उसके बाल पकड़ कर जोर-जोर से उसकी गांड मारने लगा. उसकी गांड से खून निकलने लगा. फिर भी मैं नहीं रुका… मैं उसको चोदता गया.

थोड़ी देर में जब उसको भी मजा आने लगा तो वो भी बड़े मजे से अपनी गांड मरवाने लगी.

अब दस मिनट हो चुके थे और मैंने उसको सीधा करके उसकी चूत में अपना लौड़ा डाल कर उसकी गुलाबी चूत में लंड पेलने लगा. साथ ही उसके मुलायम-मुलायम मम्मों को भी दबाने लगा.

क्या बोलूँ दोस्तो… क्या मस्त चूत थी साली की… पूरी गुलाबी… मानो जैसे गुलाब के फूल की पंखुड़ियाँ का रंग चुराया हो.

अब मैं उसके चूचे दबाते हुए उसको पूरी ताकत से धकापेल चोद रहा था. कुछ देर की चुदाई के बाद मुझसे रहा नहीं जा रहा था… लंड झड़ने को हो गया था… वो भी झड़ चुकी थी. इसलिए मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और सीधा उसके मुँह में डाल कर उसके मुँह को चोदने लगा और अपना सारा माल उसके मुँह में डाल दिया. उसने बड़ी मस्ती से मेरे लंड के रस को गटक लिया.

उस रात मैंने चार बार उसकी चुत की बेरहमी से चुदाई की और सारी रात उसके साथ ही काटी.
सुबह जाते वक़्त उसने मुझे 3000 रूपये दिए.

उसके बाद कई बार मैंने हरमीत को व उसकी सहेलियों को भी चोदा. आज मैं हरमीत की बदौलत एक अनुभवी कालबॉय बन चुका हूँ और ढेर सारी प्यासी लड़कियों व आंटियों को चोद कर खुश कर चुका हूँ.

तो दोस्तो, आपको मेरी हिंदी में इंडियन सेक्स स्टोरी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं, मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.
मेरा ईमेल [email protected] है.

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