लोहड़ी की रात मेरी पहली सुहागरात
नमस्कार दोस्तो, मैं अनूप ठाकुर अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। ऐसा शायद ही कोई दिन बीतता होगा जिस दिन मैं अन्तर्वासना पर दो चार कहानियां नहीं पढ़ता। 2009 से लेकर आजतक मैंने कभी भी अन्तर्वासना की कोई रचना नहीं छोड़ी होगी। कुछ कहानियां काल्पनिक लगती हैं और कुछ सच्ची भी लगती हैं। लेकिन पूरा सार …