अंतरवासना भरी निगाहों से देखती थी भाभी मुझे

अंतरवासना के पाठक और पाठिकाओं को मेरा प्रणाम…
मुझे घर पे सब लालू कह के बुलाते हैं… मेरी उम्र 23 है और मैं रहने वाला नवसारी का हूँ.
यह कहानी तब की है जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था, कंप्यूटर इंजिनियरिंग कर रहा था.

हमारे घर के बाजू में एक फॅमिली रहती है, उसमें से जिसने मेरा दिल चुरा लिया वो मेरी प्यारी सी भाभी वहाँ रहती है. उनका नाम रूपा हैं, वो दिखने में काफ़ी सुंदर हैं. उनका एक बच्चा भी है 5 साल का, उसका पति शॉपकीपर होने की वजह से पूरा दिन अपनी शॉप पर रहता है और घर पर भाभी अकेली ही होती है.

जब भाभी को मैंने पहले देखा तो मेरे दिमाग़ में भाभी के लिए ऐसे कोई विचार नहीं आते थे लेकिन एक बार उनको नहाते हुए देखने के बाद मुझे भाभी की चुदाई की तीव्र इच्छा हो गई थी.. मैंने सोच लिया था कि एक ना एक दिन भाभी की बहुत चुदाई करूँगा.
मैं भाभी के नाम की मुठ भी मार लेता था कई बार!

एक दिन जब भाभी अपने सुखाए हुए कपड़े लेने आई तो उन्होंने मुझे उसकी ब्रा के साथ पकड़ लिया और वहाँ से मुस्कराती हुई चली गई, पर मेरी तो फट रही थी कि भाभी किसी को बता ना दें!.

दोपहर को भाभी मेरे घर पे आई और शक्कर लेकर चली गई, लेकिन मेरी ओर बड़ी अंतरवासना भरी निगाहों से देख कर…
फिर मैं हिम्मत करके उनके घर गया, उन्होंने मुझे बैठने को कहा और वो थोड़ी देर बाद जूस लेकर आई. बाद में मुझे भाभी ने पूछा- आज तुम वहाँ मेरी ब्रा के साथ क्या कर रहे थे?
मैं कुछ नहीं बोला, बस उन्हें देखता रहा.

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वो मेरे पास आई और बोलने लगी- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं.
वो मेरे ओर नज़दीक आई और बोली- क्या मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन जाऊं?
इतना कहना था भाभी का और मैं उन पर प्यासा आशिक की तरह टूट पड़ा.

वो मुझे रोकने लगी, कहने लगी- यहाँ नहीं… बेडरूम में चलो!
हम दोनों बेडरूम में गये, जैसे ही बेडरूम में गये मैंने उनको अपनी बांहों में ले लिया और चूमने लगा.

फिर हम दोनों बिस्तर पर लेट गये और मैंने धीरे से पहले भाभी की चूत पर अपना हाथ रखा और फिर सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को धीरे धीरे नंगी कर दिया और मैंने अपने कपड़े उतार कर खुद को नंगा कर दिया.

फिर हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह से चूम रहे थे. उनको चूमता चूमता मैं भाभी की चूत तक पहुंच गया.

भाभी की क्या चूत थी… माँ कसम… मैं उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा रहा था, तब वो सिसकारी ले रही थी ‘अया आ आ आ आ उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर के.
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बाद में वो अकड़ने लगी ओर चूत से पानी छोड़ दिया और मैंने वो सारा पानी चाट लिया.
बाद में उन्होंने मेरा लंड अपने मुख में लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.
अब मैं भी एक बार झड़ चुका था. फिर उन्होंने कहा- चल अब शुरू कर असली खेल!

मैंने भी देर न करते हुए अपने लंड पे थोड़ा थूक लगाया और उसकी चूत में पेल दिया.
उसकी चूत थोड़ी कसी हुई थी इसलिए थोड़ा दर्द मुझे भी हुआ.

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बाद में वो सिसकारियाँ लेने लगी- ओह आ हहा अया आह आह आह हम हुम्म हुम्म… ओह!
और बोलने लगी- रफ़्तार बढ़ा मेरे राजा… चोद मुझे चोद!
‘अया आ आ…’ करके वो उछल उछल कर चुदवा रही थी.

कुछ देर बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गये. हम दोनों का हाल बुरा था.

थोड़ी देर बाद फिर से मैंने उसको चोदा.

हम दोनों पसीना पसीना हो गये थे, बाद में साथ में बाथ रूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया और बाथरूम में भी एक बार चूत चुदाई की.
फिर हमने कपड़े पहने और फिर चुदाई करेंगे…
ऐसा कह कर मैं घर वापिस आ गया.

उसके बाद तो हमारे बीच एक रिश्ता सा बन गया, जब घर पर कोई ना हो तब बस चुदाई ही चुदाई…
जब भी जब भी मौका मिलता है तब मैं मेरी भाभी की चूत चुदाई बड़े प्यार से करता हूँ… क्योंकि मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है.

कैसी लगी मेरी अंतरवासना कहानी आपको?
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