अंजू भाभी की चूत का दीवाना

हाय गाइस मैं देव कुमार शर्मा, आज मैं आपके लिए अपनी एक और रियल इंडियन सेक्स स्टोरीस लिख रहा हू.

मेरी पहले की दोनो स्टोरी “मेरी चुदक्कड मौसी तनीशा” और “मौसी के बाद बहन की चुदाई” को अछा रेस्पोन्स दिया और आज वो देसीकाहानी.नेट का एक हिस्सा हैं.

अब देसी सेक्स स्टोरी पर आते हैं, मेरी एज 26 ईयर हैं बात 2 साल पहले की है जब मैं 24 का था और भाभी 26 की मेरी भाभी का नाम अंजू हैं और दिखने मे उर्मिला माथोडकर के जैसी जवानी हैं, देख कर नामर्दो के लंड खड़े हो जाए.

बात 2 साल पहले की हैं जब तऔजि की लड़की की शादी थी, ( भाभी मेरे ताउजि की बहू हैं यानी ताउजि के लड़के की वाइफ), शादी के बाद मैं भैया और भाभी बहन को लेने गये वित फॅमिली, वो सब लोग रात मे आ गये और भैया भाभी और मैं बहन को अगले दिन साथ मे लेकर आने वाले थे.

तो हम हमारी दूर की मौसी के यहा रुक गये, जब हम मौसी के यहा जा रहेथे तब जीजाजी ने हमे उनके फ्रेंड्स को छोड़कर आने को कहा हम उनकी कार मे बैठ गये, भैया आगे और मैं और भाभी पीछे की तरफ.

भाभी मुझसे फ्लर्ट भरी बाते तो शुरू से ही करती थी लेकिन उस दिन भाभी कुछ ज़्यादा ही मूड मे थी वो मुझे इधर उधर टच करने लगी, और मेरी झांग पर हाथ फेरने लगी मेरी तो चड्डी मे हलचल मच रही थी.

पहली बार ऐसा हो रहा था भाभी के साथ, लेकिन फिर हम मौसी क यहा पहुँचे और आराम किया और सुबह बहन को लेने के लिए निकल गये मैने मौका देख कर भाभी से पूछ लिया की क्या बात हैं भाभी कल तो बहुत मूड मे थी.

भाभी ने मुझे आँख मार दी और सिर नीचे कर लिया, मेरी तो लॉटरी निकल गयी यार जिसको सपनो मे भी चोदने की सोच नही सकता वो उर्मिला माथोडकर जैसी जवानी मेरे लंड के लिए तड़प रही हैं.

खैर हम बहन को घर ले आए मैं अपने यहा आ गया और भाभी भैया और दीदी उनके यहा क्योंकि ताउजि हमारे घर के पीछे ही रहते थे, अब तो बस मैं मौका देख रहा था की कब भाभी घर मे अकेली मिले.

दो दिन बाद ही मेरी किस्मत खुल गयी मम्मी पापा को मेरी बहन के स्कूल जाना था पेरेंट मेट्टिंग के लिए और वो लेट हो रहे थे तो उन्होने कहा भैया को फोन करके कह की भाभी को यहा भेज दे खाना बनाने के लिए.

मैने भी हा कर दी मम्मी पापा और बहन स्कूल के लिए निकले और मैं भाभी का इंतज़ार करने लगा थोड़ी देर बाद अंजू भाभी आ गयी, उनके अंदर आते ही मैं खुशी से झूम उठा वो सीधे किचन मे चली गयी और काम करने लगी मैने पूछा.

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मैं- भैया कहा हैं.

भाभी- वोतो ऑफीस गये मैने डोर अंदर से लगाया और किचन मे घुस गया भाभी को धीरे से पीछे से पकड़ लिया.

भाभी मुस्कुराइ और बोली भाभी- क्या कर रहे हो.

मैं- जब तुम मूड मे थी आज मैं मूड मे हू, भाभी – तो मेरा भी मूड बना दो ना.

मैं भाभी को पीछे से पकड़ के अपना लंड उनकी गॅंड पर रगड़ रहा था धीरे धीरे.

मैं- मैं भाभी को गाल पर किस किया म्मम्मूउउहाा, और धीरे से अपने हाथ उनके बूब्स पर ले आया, आअहह क्या बूब्स थे यार, 34 की साइज़, उफ़फ्फ़ मैं उन्हे धीरे धीरे ब्लाउस के उपर से मसलने लगा.

भाभी- आहह देव क्या कर रहे हो थोड़ा आराम से आह, मैं तो पागल हो चुका था, मैने भाभी को अपनी तरफ घुमाया और उनके लिप्स चूसने लगा, भाभी भी मेरा साथ दे रही थी.

मैं- उउउम्म्म्ममममम मम्मूउउहहाअ म्मम्मूऊऊउंम्म.

भाभी – उूुुुउउम्म्मम्मूऊऊउंमाआ मैं अपने हाथ भाभी के बूब्स पर चला रहा था और लिप्स चूस रहा था, मैने भाभी को अपनी गोदी मे उठाया और अंदर कमरे मे बिस्तर पर ले आया और लिटा दिया.

अब मैं भाभी के जिस्म के हर भाग पर किस कर रहा था, भाभी आँहे भर रही थी, मैने भाभी की सारी को उनके जिस्म से अलग कर दिया, और उनके पेटिकोट को थोड़ा उपर करके झांघ मसलने लगा.

भाभी- आहह देव ओह कितना अछा लग रहा हैं, अहह, मैने भाभी का ब्लाउस निकाल, दिया अब उनके सेक्सी बूब्स ब्लॅक ब्रा से बाहर आने को तरस रहे थे और मैं उन्हे देखने को बेताब था, मैने जल्दी ही ब्रा भी निकाल दी और उन्हे चूसने लग गया.

भाभी- आहह देव आहह और ज़ोर से चूसो आहह तुम्हारे भैया तो चूस्ते ही नही हैं आअहह मेरी जान, ओह्ह्ह.

मैने एक हाथ से उनका पेटिकोट भी निकाल दिया.

अब भाभी सिर्फ़ ब्लॅक पेंटी मे थी और पूरी तरह से मदहोश, मैने उनके बूब्स को चूस्ते हुए एक हाथ उनकी पैंटी मे डाला और चुत के दाने को मसलने लगा.

भाभी- आआहह देव ओह्ह्ह.

मुझे भाभी की चुत के दाने को मसलने मे बहुत मज़ा आ रहा था क्यूंकी भाभी तो ऐसे मचल रही थी जैसे पहली बार लंड मिल रहा हो,

भाभी- आहह देव तेरे भैया तो कुछ नही करते आअहह तुम कितने आछे हो.

मैने भाभी की पैंटी को निकाल दिया उफ़फ्फ़ क्या फूली हुई चिकनी बुर थी यार चाटने का मज़ा ही अलग था, मैं तो दोनो पैरो के बीच मे बैठ गया और बड़े प्यार से भाभी की चुत को सहलाने लगा.

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मैं – भाभी मेरी जान एक बात पुछु तुमसे.

भाभी – क्या

मैं- तुम्हे प्यार से चुदने मे मज़ा आता हैं या गलियो क साथ जलील होने मे.

भाभी- जलील होने मे जो मज़ा हैं वो प्यार मे कहा.

मैं -अरे वा तो आज से मेरी रंडी बन जा छीनाल हराम जादि.

भाभी- हा देवरजि मैं तुम्हारी रंडी हू छीनाल हू चोदो मुझे और मत तड़पाव अपनी रंडी को.

मैने भाभींकी चुत को सहलाते हुए अपनी दो उंगलिया भाभी की चुत मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा.

भाभी- आहह देव ओह और ज़ोर से आहह और ज़ोर से कर हरामी आहह उहह मेरी जान.

मैं – ये ले कुतिया मदर्चोद ले हराम्जादि आहम्म ये ले और ले, मेरा तो हाथ दर्द करने लग गया उंगली अंदर बाहर कर के तो मैने अपना मूह भाभी की चुत के पास रख दिया और चाटने लगा, मैं लगा भाभी की चुत को चाटने लूप लूप, स्लूप स्लूप.

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट सेक्षन मे ज़रूर लिखे, ताकि देसीकाहानी पर कहानियों का ये दौर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

भाभी- आहह ओह हरामी चोद दे अब तो, आअहह मत तडपा अपनी रंडी को, आहज्ज्ज चोद दे ना कुत्ते डाल दे लंड को मेरी चुत को फाड़ दे आह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऐसा करते करते ही भाभी की चुतसे पानी बाहर आ गया और वो मुझसे चिपक गयी.

अब मैने अपना लंड और टाइट करने के लिए भाभी के मूह मे दे दिया.

भाभी भी मेरा लंड बड़े आछे से चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद मेरा लंड टाइट हो गया.

भाभी- तुम्हारे भाई से तो बहुत बड़ा हैं

मैं- अब लेने को तैयार हो जा छीनाल, और भाभी लेट गयी और उनकी कमर के नीचे तकिया लगाया और मैने अपना लंड धीरे धीरे अंदर प्रेस किया भाभी- आहह, धीरे कर कुत्ते, मैने एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड चुत के अंदर.

भाभी- आअहह, हरामी मार डालेगा क्या.

अब मैं अपने लंड को भाभी की चुत के अंदर बाहर कर रहा था.

भाभी- आहह, ओह, म्म्म्मममम्मूऊऊउउ, थोड़ी देर बाद मैने भाभी से कहा.

मैं- पानी बाहर निकालु या अंदर भाभी- बाहर निकाल हरामी अभी मेरी उमर ही क्या हैं जो मा बनाएगा अब तो तेरे लंड का मज़ा लेना हैं बहुत, मैने अपना लंड बाहर निकाला और फिर भाभी ने अपने हाथ से मेरा लंड हिलाया और पानी निकाला, इसके बाद से भाभी मेरी रंडी हैं.