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32 लंडों से चुद चुकी राबिया क़ुरैशी की हिन्दी सेक्स स्टोरी-4
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मैं एक बार झड़ भी चुकी थी पर मेरा जोश कम नहीं हुआ था, तभी केन और जेम्स ने लंड को बाहर निकाला और उन्होंने मुझे नादिया की गांड को चाटने के लिये कहा।
उसकी गांड इनके लंड से चुदने से काफी खुल गई थी, मैं घोड़ी बनकर उसकी गांड को चाटने लगी तो उसने तुरन्त ही उसकी गांड को उचका दिया मतलब यह कि उसे गांड चटवाने में आनन्द आ रहा था। मुझे भी उसकी गांड चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
नादिया बोल रही थी- चाट न मेरी गांड को… बहुत मज़ा आ रहा है।
तभी जॉन आया और उसने मेरी गांड को चोदना शुरू किया, उसके धक्के मैं सह नहीं पा रही थी।
थोड़ी देर बाद क्रिस ने नादिया के मुँह को मेरे सामने किया और वो उसे घोड़ी बनाकर उसकी गांड को चोदने लगा और बाकी चारों हमारे मुँह को चोदने लगे, उन चारों के झड़ने तक उन्होंने हमारी गांड को ही चोदा। जब वो झड़े तो उन्होंने सारा वीर्य हमारे मुँह में गिराया, हम दोनों उसे पी गईं।
हमारी गांड दर्द कर रही थी, कुछ देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को किस करती रहीं और लड़खड़ाती हुई बाहर पेशाब करके वापस अंदर आई।
कुछ देर बाद हमने थोड़ा सा नाश्ता किया क्योंकि अभी हमें और जो चुदना था।
आधे घण्टे के बाद फिर चुदाई का माहौल तैयार हो गया, इस बार मैंने उन सबसे बेरहम चुदाई के लिये बोला था।
नादिया ने भी मेरी इस बात का सपोर्ट किया।
उन्होंने पहले हमसे मना किया, पर हम नहीं मानी, इसके बाद भी उन सब ने बात बार हमें आगाह किया और ये भी कहा कि कुछ भी हो जाए हम भी पीछे नहीं हटेंगे।
पर हम भी हमारी बात पर अड़ी रहीं।
बस फिर क्या था! उन्होंने हमारे बाल पकड़कर बिस्तर पर पटक दिया और केन ने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा, उनमें से एक मेरी चूत को चाटने लगा, चाटने क्या वो तो मेरी चूत को खाने लगा था, एक अलग ही गुदगुदी सी हो रही थी, तीसरा व्यक्ति मेरे मम्मों को काटने लगा था।
कुछ ही देर में केन का लंड भी कड़क होने लगा और वो अब पहले से भी ज़्यादा तेज मेरे मुँह को चोदने लगा, मेरे मुँह से थूक निकलने लगा था और वो बार बार उसके लंड को मेरे गले तक उतार रहा था।
तभी उसने लंड को मेरे मुँह से बाहर निकाला और थूक को मेरे ही मुँह पर पोछा और बाएं गाल पर 4-5 थप्पड़ मारे और इतने ही थप्पड़ दायें गाल पर भी मारे, मेरे गाल पर जलन होने लगी थी।
तभी जेम्स ने मेरी दोनों टांगों को मेरे कन्धे तक ले आया, जेम्स ने एक उंगली मेरी चूत में डाली और तुरन्त निकालकर मेरी चूत पर 6-7 थप्पड़ लगा दिए।
मैं दर्द से सिहर उठी और हल्की सी चीख निकल गई।
जेम्स मेरी चूत को चाटने लगा और 3-4 मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, वो सारा पानी पी गया और वो मेरे मम्मों को चूसने लगा।
अचानक शायद मैट ने कहा- अब हमले के लिये तैयार हो जाओ!
केन ने फिर से लंड मेरे मुँह में डाल दिया और फिर मैट ने उसके लंड को मेरी चूत पर कुछ देर रगड़ा और उसके बाद सिर्फ 2 झटकों में ही पूरा लंड अंदर तक डाल दिया, मैं दर्द से छटपटाने लगी, पर केन ने उसके लंड को मेरे मुँह में अंदर तक डाला हुआ था इसलिये आवाज भी बाहर नहीं निकल पाई और 3 लोगों की गिरफ्त में भी थी तो, उन्होंने भी मुझे कस कर पकड़ा हुआ था।
मैट ने बेरहमी से और भी तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए, एक तो उसका लंड इतना मोटा ऊपर से बेरहमी से चुदाई और मुझे इतना कसकर पकड़ा हुआ था कि मेरा हिलना भी मुश्किल था। दर्द से मेरे आंसू भी निकलने लगे थे, उसने मुझे इतनी तेज चोदा था कि मैं 2 मिनट में झड़ गई थी।
तब मैट ने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला और केन जो मेरा मुँह चोद रहा था उसने भी लंड को बाहर निकाला और मेरे दोनों गालों पर लगातार थप्पड़ लगा दिए, मैंने उनसे कहा भी -प्लीज मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है, थोड़ा धीरे चोदो।
पर उन्होंने नहीं सुनी और मेरी हालत अब और खराब होने वाली थी और थी हाल नादिया का भी हो रहा रहा था।
हम दोनों के मुँह से कराहने, चीखने की आवाज आ रही थी, हम उनसे बस यही कह रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लीज लीव, आई कैंट टेक इट।
हम दोनों जितना रोती वो हमे उतना ही ज्यादा बेरहमी से चोदते, और उतनी ही तेज हमारे गाल और चूतड़ पर मारते।
मैं फिर से झड़ गई तभी उन्होंने उनकी जगह बदली अब मुझे थोड़ी राहत मिली पर कितनी देर मुश्किल से आधा ही मिनट अब जो मेरी चूत को चोद रहा था वो अब मेरे मुँह को चोदने लगा, जो मुँह को चोद रहा था वो गांड को और गांड को चोदने वाला नादिया के मुँह को चोदने लगा और नादिया के मुँह को चोदने वाला मेरे मुँह को चोदने लगा।
और फिर से वही चुदाई।
नादिया की और मेरी हालत बिल्कुल एक जैसी थी, उनकी चुदाई से मेरी गांड और चूत सूज गई थी। पर उनके इस तरह के धक्के लगाने से सिर्फ हमारी जान गई नहीं निकली और सब कुछ हो गया।
हमारी चुदाई अभी जारी थी, चूतड़ और गाल का हाल तो बेहाल था ही उतना ही बुरा हाल हमारे मम्मों का भी हो रहा था जिसका मैंने ज़िक्र नहीं किया। उन्होंने हमारी चूत और गांड को फाड़ कर रख दिया और हालत इतनी बुरी थी कि हम दोनों बिस्तर पर अधमरी हालत में दर्द से रो रही थीं।
पर हमें उन पर गुस्सा नहीं आ रहा था, हम दोनों को जोर की सु सु आ रही थी, पर दोनों बिल्कुल इस हालत में नहीं थी कि खड़ी भी हो जाए।
जेम्स और मैट दोनों ने हमें उठाया और बाहर सु सु कराने ले गए पर जैसे ही हम दोनों बैठने वाली थी उन्होंने हमे रोका और उनके मुँह को हमारी चूत पर लगा दिया हमने बिना कुछ कहे उनके मुख में ही सु सु कर दिया, बहुत सारा सु सु तो वो पी गए और कुछ हमारी जाँघों से होता हुआ नीचे गिर गया और उनके मुँह भी सु सु से गीले हो गए थे।
पता नहीं क्यों इन्हें और नादिया को सु सु पीने का इतना शौक है।
सु सु होने के बाद हम दोनों फिर उनके सहारे टेंट में आ गईं क्योंकि बाहर हवा चल रही थी और ठंड भी लग रही थी, जब हम अंदर पहुंची तो उन दोनों ने हमसे एक बार कुतिया बनने के लिये कहा हम दोनों कुतिया बन गई, पहले तो उन लोगों ने हमारी गांड में उंगली डाली, सिर्फ इतने में ही हम दर्द से तड़प उठीं और उन सबको हंसी आ गई।
उसके बाद उन्होंने हमारी गांड पर कोई स्प्रे किया उससे हमारी गांड पर कुछ ठंडा महसूस हो रहा था, उसके बाद हम दोनों को सीधा लेटा दिया और और कहा कि कुछ देर में तुम्हारा दर्द कम हो जायेगा।
जब हमने उनसे पूछा कि ये कौन सा स्प्रे है और इसका नाम क्या है? तो उन्होंने कुछ नहीं बताया।
और फिर कुछ देर ऐसे ही बात करते रहे और वो सब के सब मेरी जाँघों से खेलने लगे, मेरी चूत और गांड दर्द तो कर ही रही थी पर इनके इस तरह से जांघ सहलाने पर गुदगुदी भी होने लगी थी मैं चाह कर भी उन्हें मुझसे अलग नहीं कर सकती थी क्योंकि वो सभी ठहरे बॉडीबिल्डर!
तभी उनमें से 2 लोग मेरे दोनों मम्मों को चूसने लगे, एक मेरी नाभि में जीभ फिराने लगा, मैं तो जन्नत की सैर करने लगी थी।
और आ उस रात हमे चुदवाते हुए रात के 11 बज चुके थे और चूत और गांड की तो शामत आ गई थी, उसके बाद नादिया की इच्छा भी थी कि वो एक बार चूत और गांड में असली लंड को फंसाकर सोये और वो इच्छा भी पूरी हो गई, मैं भी ऐसे ही सोई।
पर हमसे सुबह तक भी ठीक से नहीं चला जा रहा था। सुबह उन्होंने हमें उठाया और नहलाया और हमारी गांड पर स्प्रे भी लगाया।
अब वो भी जाने लगे थे, हमने उनसे एक बार और हमारी चुदाई करने की बहुत मिन्नतें की पर उन्होंने कहा कि उन्हें जाना है। वो भी उनका सामान बांधकर चल दिए और हम भी रिसोर्ट पर पहुँच गईं।
टेंडाइ वहीं रिसोर्ट पर ही था और वो हमसे हंसकर पूछ रहा था- तुम पूरी रात कहाँ पर और किस से चुदवा कर आ रही हो, क्योंकि हमारे मम्मों पर काटने के निशाँ अलग ही दिख रहे थे।
हमने हंसकर बात को टाल दिया और फिर घूमने के लिये कहा पर उसी जगह पर जहाँ हम पूरी नंगी घूम सकती थीं।
उसने भी ऐसा ही किया।
4 दिन तो हम वहाँ पर पूरी तरह से ही नंगी ही रही और नंगी घूमी, उसके बाद हमने जो भी कपड़े पहने या तो बहुत ही छोटे जिसमें हमारे चूतड़ दिख सके, और मम्मों को तो दिखाया ही, या फिर पारदर्शी या बिना ब्रा और पेंटी के।
उसके बाद हमने कुछ कपड़े खरीदे और कुछ सामन भी, क्योंकि टेंडाइ मेरा वहाँ का खर्च जो उठा रहा था।
10 दिन तक हम वहाँ पर रुकी, इन 10 दिनों हमने 40-42 लंडों से हमारी चुदाई करवाई, और हर बार दोनों ने साथ में चुदवाया, और एक बार तो अकेले 5 लंड से भी चुदवाया जो कि नादिया की वजह से मुमकिन हो पाया और हर बार ग्रुप सेक्स ही किया, 2-3 बार तो लंड की हवस इतनी ज़्यादा बढ़ गई थी कि दिन में तो दिन में रात में भी नए लंड से चुदवाया।
टेंडाइ और उसके दोस्तों से भी खुद को चुदवाया।
जितने लंड मैंने मेरी पहली चुदाई से ब्राज़ील आने तक लिये थे, उससे ज़्यादा तो नादिया और मैंने इन 10 दिनों में लिये।
हालांकि हमें ज़्यादा चुदाई से थकान भी बहुत हो रही थी और चूत और गांड भी थोड़ी ढीली पड़ गई थी, पर हम लंड लेने का कोई भी मौक़ा नहीं छोड़ना चाहती थी, और ऐसा ही हुआ।
हम जानती थीं कि लगातार इतने लंड लेने से हमारी हालत क्या होगी! पर फिर भी हमने गोलियाँ खाकर चुदाई करवाई।
अगर सच कहूँ तो अगर नादिया मेरे साथ नहीं होती तो मैं इतने लंड से कभी नहीं चुद पाती, सिर्फ इसके 3-4 दोस्तों से ही चुदवा कर रह जाती।
हाँ पर नादिया ज़रूर कहीं पर होती, वो अकेली ही कैसे भी लंड का जुगाड़ कर लेती।
10 दिन हमने वहाँ पर बहुत मस्ती की, घूमे फिरे और 11वें दिन वापस हमारे देश आ गईं।
अब मैं कहानी का हर दिन का चुदाई का किस्सा नहीं लिखूंगी क्योंकि बहुत लम्बी हो जायेगी, पर हाँ मेरी और भी कहानियों को ज़रूर लिखूंगी।
आपको राबिया कुरैशी जी की हिन्दी सेक्स स्टोरी कैसे लगी?
उम्मीद है अच्छे कमेंट्स ही करेंगे।
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