22 साल की पाठिका को खूब चोदा

आलिजा की और मेरी पहचान एक सेक्स स्टोरी
वो प्यारी सी चुलबुली लड़की
से हुई थी। वह महज 22 साल की थी मेरे और उसके मिलाप का कोई मेल नहीं था पर मेरी सभी कहानियाँ उसने पढ़ी थी इसलिये उसे मेरा लेखन पसंद आया था।
हमारी बातचीत सिर्फ कहानियों को लेकर होती थी। पर्सनल लेवल पर हम लोग बात नहीं करते थे। किसी भी तरह का सेक्स चैट हमारे बीच नहीं होता था।

एक दिन मुझे आलिजा और मेरी कहानी बनाने का मूड किया इसलिए मैंने आलिजा की परमिशन से उसकी और मेरी कहानी लिखकर भेज दी।

कहानी पढ़ने के बाद आलिजा ने मुझसे पूछा- क्या हम कभी मिल सकते हैं?
“मिलना नसीब होगा तो जरूर मिल सकते हैं।” मैंने कहा और बात रफा दफा हो गयी।

मेरी कहानियों का स्टॉक खत्म होने के बाद आलिजा अन्य लेखकों की कहानियों को पढ़ने लगी और फिर उन्हीं से उसकी बातचीत भी होती रही।

धीरे धीरे मेरी और आलिजा की बातचीत बंद हो गयी। करीब छह महीने उसकी और मेरी बातचीत को हो गये तो मैंने भी उसे सुहाना सपना समझकर भूलना ही ठीक समझा।

पर किस्मत में हमारा मेल लिखा हुआ था।

पूरे छह महीने बाद आलिजा का मेल आया। वह मेरे अपने शहर जॉब के लिये आ रही थी। यहाँ उसका कोई रिश्तेदार नहीं था इसलिए मैंने ही उसके ठहरने का इंतजाम किया था।

वक्त बीतता गया. आलिजा को आये हुये अब पूरे दो महीने हुए थे। इन दो महीनों में हमने सेक्स के ऊपर कोई भी बात नहीं छेड़ी थी।

एक हॉलिडे पर आलिजा ने मुझे मूवी देखने चलने की ऑफर दी। मैंने वो ऑफर तुरंत मान ली। हम लोग एक अंग्रेजी फ़िल्म देखने चले गये।

फ़िल्म में एक सेक्स दृश्य के दौरान आलिजा ने मेरा हाथ पकड़ा। यह उसका मेरा पहला स्पर्श था।

“काफी समय हुआ आपकी कहानी पढ़ के, एक नई कहानी बना दीजिये ना!” आलिजा बोली।
“अब आप साथ हो तो आप और मैं मिलकर स्टोरी बना सकते हैं।” मैंने कहा।
“ग्रेट आईडिया! मूवी के बाद कहानी लिखने चलते हैं।”

जैसे ही मूवी खत्म हुई मैं और आलिजा मेरे रूम पर चले गये। हमने खाना वाना बाहर ही खा लिया था इसलिये घर जाकर हम कहानी लिखने बैठ गये।

स्टोरी लिखते वक्त एक किसिंग सीन के दौरान आलिजा ने मुझे पूछा- आपको मेरा किस लेने का मौका मिले तो कैसे लोगे?
“जैसे आपको पसंद हो!” मैंने कहा।
“नहीं! आपको किस तरह पसंद हैं?” आलिजा ने पूछा।
“आपको बाहों में भरकर किस लूँगा।” मैंने कहा।

“कैसे?” उसने फिर पूछा।
“प्रॅक्टीकल दिखाना हैं क्या?” मैंने पूछा।
“दिखाओगे तो ज्यादा अच्छी तरह से समझ में आयेगा.” उसने हँसकर कहा।

मैं कुछ बोला नहीं बस हँसकर अपनी बाँहें खोल दी। आलिजा बिना देरी किये तुरंत मेरी बांहों में समा गयी।

मैंने उसे हल्के से कस लिया और धीरे से किस करने लगा। आलिजा ने अपनी आँखें बंद कर ली। मैं धीरे धीरे उसे किस करता रहा। आलिजा ने जब मुझे जोर से भींच लिया तब मैंने भी उसे जोर से कस लिया और डीप किसिंग शुरू कर दी।
आलिजा को किसिंग में मजा आता देख मैंने उसकी गर्दन और सीने पर किस करना शुरू किया, वो भी मेरा साथ देती हुई मुझे गर्दन और सीने पर किस करने लगी।

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किस करते हुए मैंने अब उसके बूब्स को कपड़े के ऊपर से ही मुँह में भर लिया।
“कपड़े गीले हो जायेंगे.” उसने कहा।
“उतार देते हैं.” कहकर मैंने उसकी टीशर्ट और ब्रा उतार दी।

उसके गोरे गोल बूब्स अब मेरे सामने नंगे थे। मैंने धीरे धीरे उन्हें मसलना और चूमना शुरू कर दिया। आलिजा ने मस्ती में आँखे बंद कर दी तो मैंने उसे बेड पर लिटा दिया।
मैंने अपनी शर्ट भी उतार दी और आलिजा के बगल में लेट गया।

उसके होंठों का रसपान करते हुये मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था। आलिजा मेरी पीठ सहलाते हुए मेरी किसिंग को रिस्पॉन्स दे रही थी।
काफी देर किस करने के बाद मैंने आलिजा के गाल और गले को चूमते हुए उसके चुचियों को अपने मुँह में भर लिया। मैं बारी बारी उसकी एक एक चूची को चूस रहा था।

“मेरी उम्र की कितनी लड़कियों चोद चुके हो?” आलिजा ने सवाल किया।
“एक भी नहीं, मैंने आपको पहले भी कहा था।”
बात करते करते मैं उसके पेट को चूमते हुये उसकी कमर तक आ गया था। उसकी जीन्स के बटन को हाथ में लेकर मैंने सवाल किया- खोल दूँ?
“खोल दीजिये.” उसने मजे में आकर कहा।

उसकी परमिशन मिलने पर मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया। उसकी जांघों को चूमते हुये मैंने उसकी गीली चूत को चूम लिया।
“चाटोगे?” आलिजा ने पूछा.
” चाटूं?” मैंने पूछा।
“मस्त कर दो मुझे!” आलिजा बोली।

मैंने उसकी चूत को फैला दिया और अपनी जुबान उसमें दाखिल कर दी। आलिजा एकदम से झनझना उठी और मेरे बालों को पकड़कर उन्हें सहलाने लगी। मैं कभी उसके चूत के किनारे चूसता तो कभी जुबान अंदर डालता। उसे बड़ा मजा आ रहा था। कमर उछाल कर वो अपनी चूत मुझसे चटवा रही थी।

“चोदो ना मुझे!” कहकर आलिजा ने मेरे गर्दन पर अपनी बांहों से कैंची मारी और जोर जोर से अपनी चूत को मेरे होंठों पर रगड़ने लगी। वो झड़ने वाली थी यह जानकर मैंने उसकी कैंची छुड़ाई और अपनी पैन्ट उतारी।

अपने लंड के सुपारे को उसकी चूत की दरार पर थपथपाकर और रगड़ कर मैंने हल्के से धक्का मारा। चरचराता हुआ मेरा सुपारा उसकी चूत में धंस गया।
“आ आऊच … दर्द हो रहा है।” आलिजा हल्के से चिल्लायी।
“आराम से करते हैं.” कह कर मैंने उसके निप्पल चूसने शुरू कर दिये।

निप्पल चूसे जाने से आलिजा कमर उचकाने लगी जिसके चलते लंड हल्के हल्के उसकी चूत में घुसने लगा। मैं भी उसी के स्पीड से धीरे धीरे कमर हिलाकर उसका साथ देने लगा।
थोड़ा थोड़ा करते हुये मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। मैं हल्के हल्के धक्के मार रहा था।

“येस बड़ा मजा आ रहा है … डिअर फक मी … फक मी हार्ड! लवली शॉट … ओह … यार मस्त … ओ या एस!” आलिजा के मुँह से मस्ती भरे शब्द निकल रहे थे।

कुछ देर बाद आलिजा बोली- जोर से मारो, फाड़ डालो.
मैंने भी स्पीड बढ़ा दी। देखते ही देखते आलिजा की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया और वो जोर जोर से हाँफने लगी। मैंने भी चोदना बंद करके उसे रिलॅक्स होने दिया।

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कुछ ही देर में उसकी साँसें नॉर्मल हो गयी।
मैंने उसे किस करते हुये पूछा- मुँह में लोगी?
“ट्राई करती हूँ, अगर अच्छा नहीं लगा तो मना कर दूँगी।” कहते हुये वो उठी और मेरा लंड चूसने लगी।

कभी सुपारा मुँह में लेती तो कभी पूरा लंड एक साथ में चूस लेती। कभी कभार तो बिल्ली जैसे पूरे लंड को चाट लेती।

कुछ देर बाद उसने चाटना बंद किया और अपनी दोनों मदमस्त चूचियों के बीच मेरा लंड रख दिया। उसके इशारे को समझ मैं उसके बूब्स को चोदने लगा। बहुत ही मुलायम और गद्देदार चूचियाँ थी उसकी। मजा आ गया था बूब्स चोदने में।

कुछ देर बूब्स फकिंग होने के बाद मैंने उसकी गांड चाटनी शुरू की।
“गांड भी आज ही मारोगे?” उसने पूछा।
“मौका हैं तो उसका सदुपयोग कर लेते हैं.” कहकर मैंने उसकी गांड में अपना लंड भिड़ा दिया।

“फाड़ मत डालना.” वो बोली।
“नहीं डार्लिंग! बड़े प्यार से मारूँगा।”
“छी! डार्लिंग मत बोलो, डिअर बोलो.” वह बोली।

“ओके डिअर! प्यार से मारूँगा.” कहकर मैं उसे चूमने लगा।
धीरे धीरे करते हुए मैंने अपना पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया। हौले हौले शॉट्स मारते हुए मैं उसकी गांड के मजे ले रहा था।

“आज तो मजा आ गया, बॉडी की सर्विसिंग हो गयी.” आलिजा बोली।
“मजा तो आज मुझे भी बहुत आया है। आप में कुछ तो खास है।” कहते हुये मैंने उसे चूम लिया।
“जब आपकी स्टोरी पढ़ती थी तब लगा नहीं था कि हम कभी सच में सेक्स करेंगे।” आलिजा बोली।

“सच कहूँ तो मुझे भी नहीं लगा था कि हम कभी सेक्स करेंगे। हजारों लेखक लेखिकाएँ हैं दुनिया में … पर आपने मुझसे बात की। सिर्फ बात नहीं की बल्कि आपकी जॉब भी सौभाग्यवश मेरे शहर में निकली। आप मानो या ना मानो पर यह किस्मत का खेल है।” आपको मेरे साथ सेक्स करने का मन क्यों किया? आपको एक से बढ़कर एक सेक्स पार्टनर मिलते.” मैं बोला।

“आप में सेक्स की लालसा नहीं हैं, आपका रहन-सहन, बोली साफ हैं। सेक्स स्टोरीज राईटर होने के बावजूद आपने कोई गंदी बात नहीं की। आप मेरा गलत फायदा नहीं उठाओगे ऐसा मुझे लगा।” आलिजा ने दिल की बात कह दी।

“यह बात तो हैं आलिजा! आज का हमारा सेक्स ना भी होता तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे तो बस आपकी दोस्ती चाहिये। ऐसी दोस्ती जिसमें दो लोग बिना किसी लालच में एक दूसरे से सेक्स चाट करें, कुछ बहुत ही पर्सनल बातें जो हम घर वालों से, यार दोस्तों से नहीं कर सकते, वे बातें हम सेक्स चैट फ्रेंड्स बनकर कर सकते हैं।” मैं दिल की बात कहता जा रहा था।

“आलिजा! मैं झड़ने वाला हूँ. गांड में पानी छोड़ूँ?” मैंने पूछा।
“हाँ छोड़ दो … आपके गर्म वीर्य से गांड सेक लूंगी.” आलिजा मुस्कुराते हुये मजाक में बोली।
उसके कहे अनुसार मैंने सारा पानी उसकी गांड में उड़ेल दिया।

थोड़ी देर बाद हम अलग हुये, फ्रेश होकर एक दूसरे की बांहों में सो गये।

कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। पाठक सिर्फ कहानी से संबंधित मेल ही करें, फालतू मेल ना करें।
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